दोस्तों हमारे जीवन में कहानियो का एक अलग ही महत्त्व होता है ये हमें बहुत कुछ सिखलाती है | आज मैं आपको एक छोटी सी कहानी (A Short Story on Friendship in Hindi) बताने जा रहा हूँ ये कहानी जितनी छोटी है उससे कंही ज्यादा बड़ी इसके पीछे छिपी प्रेरणा है |
Short Story के हमारे संग्रह में ये कहानी अब तक की सबसे छोटी कहानी होने वाली है इस कहानी को आपको पढ़ने में मुश्किल से दो मिनट लगेगा वही इसके पीछे नैतिक ज्ञान आपकी सारी उम्र आपके काम आयेगा |
A Short Story on Friendship in Hindi
एक बार दो जिगरी दोस्त एक रेगिस्तान को पार कर रहे थे | तभी अचानक उन दोनों के बीच किसी बात को लेकर वाद विवाद हो जाता है उन दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ जाता है की एक दोस्त गुस्से में आकर अपने दोस्त को जोर का थप्पड़ मार देता है |
दुसरे दोस्त इस बात को अपने दिल में लेता है की उसके अपने दोस्त ने उसे एक छोटी सी बात के लिए थप्पड़ मारा | और वो ऊँगली के सहारे रेत पर लिखता है – “आज मेरे सबसे अजीज दोस्त ने मुझे एक छोटे से विवाद के लिए जोर का थप्पड़ मारा”
चूँकि रेगिस्तान में वे एक दुसरे को छोड़कर अकेले सफ़र तय नहीं कर सकते थे इसलिए उन्होंने सफ़र जारी रखा और ये निश्चय किया की अपने मंजिल में पहुचने के बाद उस विवाद को सुलझाया जायेगा |
अब वे दोनों एक दुसरे से बात किये बिना सफ़र तय करने लगे कुछ दूर चलने के बाद उन्हें एक झील दिखायी दिया और उन्होंने उस झील में नहाकर अपने अप को तरोताजा करने का फैसला लिया |
झील के दुसरे किनारे पर एक न दिखाई देने वाला बहुत ही खतरनाक दलदल था | वह दोस्त जिसको चांटा मारा गया था, वह तैरते – तैरते झील के दुसरे किनारे में जा पहुंचा चूँकि वहाँ दलदल था इसलिये वह वहां फंस गया और डूबने लगा |
जब उसके दोस्त ने देखा की उसका दोस्त डूब रहा है तो वह भी तुरंत तैरकर उसके पास गया और उसे बचने की कोशिश करने लगा, बड़ी कोशिश करने के बाद उसने उसे बचाया और किनारे पर लाया |
तभी जिसे बचाया गया था उसने झील के किनारे एक बड़े से पत्थर पर लिखा – “आज मेरे अजीज दोस्त ने मेरी जान बचायी ” | तभी दुसरे दोस्त ने उसे पत्थर पर लिखता देखकर पूछा – “जब मैंने तुम्हे थप्पड़ मारा था तो तुमने उसे रेत पर लिखा था ” वही जब मैंने तुम्हारी जान बचायी तो तुमने उसे पत्थर पर लिखा, ऐसा क्यों लिख रहे हो मैं समझ नहीं पाया |
फिर दोस्त ने जवाब दिया जब हमें कोई दुःख या ठेस पहुंचाता है तो इसे हमें रेत पर लिखना चाहिये क्यूंकि जहाँ पर वक्त और माफ़ी की हवाओं उसे मिटा दे” |
लेकिन जब कोई हमरे साथ अच्छा पेश अता है या अच्छा बर्ताव करता है तो उसे हमें पत्थर पर लिखना चाहिये जहाँ उसे कोई न मिटा सके और वो हमें हमेशा याद रहे |
शिक्षा – हमें अपने जीवन में कभी भी किसी भी बुरी घटनाओं को अपने दिल, दिमाक में बैठाकर नहीं रखना चाहिये |