हेल्लो फ्रेंड्स आज मैं प्रिया आपको Ghost Stories in Hindi | भूतिया ट्रेन की कहानी बताने जा रही हूँ इस कहानी को पढ़कर आपको बहुत मजा आयेगा ये Story एक डरावनी होने के साथ – साथ Adventure Story भी है | इसे पढ़ते वक्त आप इस कहानी में खों जायेंगे और इसके adventure का मजा ले पायंगे |
दोस्तों Ghost Stories in Hindi | Bhutiya Train की कहानी एक काल्पनिक कहानी है इसे सिर्फ एक Entertainment Story के तौर पर ले इस कहानी में दिखाए सभी किरदार भी काल्पनिक है |
तो चलिये दोस्तों बिना ज्यादा समय ख़राब किये आज की Bhutiya Story | Bhutiya Train की कहानी को शुरू करते है |
Ghost Stories in Hindi | Bhutiya train
भूतिया ट्रेन सूरजगढ़ स्टेशन एक ऐसा स्टेशन है जहां आधी रात के बाद अचानक ट्रेन आकर रूकती है उसके आने से पहले ही पूरे स्टेशन पर अफरा-तफरी मच जाती हैं |
लोग एक दुसरे को बंद करो बंद करो भूटिया ट्रेन आने का समय हो गया करके हिदायते देते है “वरना कोई जिन्दा नहीं बचेगा” बंद करो बंद करो….. ऐसा सालों से चलता आ रहा था ट्रेन कहा कहां से प्लेटफार्म पर आती है और यहां से कहां जाती किसी को नहीं पता था |
यहां तक कि उसमें से उतरने वाले रहस्यमयी यात्री भी उतर कर प्लेटफार्म से बाहर निकलते ही कहां चले जाते थे आज तक किसी को पता नहीं चला |
ऐसे ही एक रात जब ट्रेन आने वाली होती है सभी की तरह टिकट वाला जैसे ही खिड़की बंद करना चाहता है अचानक एक आदमी आता है और टिकट वाले खिड़की पर वो आदमी ने अपना हाथ घुस देता है और कहता है भाई मुझे जो ट्रेन सबसे पहले आएगी उसका टिकट देना |
टिकट काटने वाला आदमी बोलता है “अबे मरना है क्या” अभी जो ट्रेन आएगी वह कहीं नहीं जाएगी 4 घंटे बाद आने वाली ट्रेन से जाना |आदमी कहता है 4 घंटे में कहां वेट करूंगा प्लीज दे दो भाई आदमी के जिद करने पर टिकट वाला उसे टिकट दे देता है और टिकट विंडो बंद कर देता है |
फिर वह आदमी एक चाय वाले के पास जाता है और कहता है भाई एक चाय मिलेगी मुझे आने वाली ट्रेन से जाना है | इतना सुनते ही चाय वाला बोलता है उस ट्रेन से कोई नहीं जाता अपनी जान की सलामती चाहता तो प्लेटफार्म के बाहर भाग जा भाग भाग जल्दी निकल जा यहाँ से इतना कहकर चाय वाला भी अपनी दुकान बंद कर देता है |
वह आदमी प्लेटफार्म के बाहर जाकर बैठ जाता है तभी उसे ट्रेन की आवाज सुनाई देती है और सोंचता है | तो क्या टिकट वाला झूठ बोल रहा था की ट्रेन कंही नहीं जाती बाहर निकल रहे इन यात्रियों से पूछता हूं | तभी वह आदमी देखता है की सभी यात्री उसे अचानक से देखाई देना बंद हो गया |
ट्रेन जाने के लिए फिर से आवाज लगाती है वह आदमी सोंचता है अरे ट्रेन तो जा रही है मुझे तो अगले स्टेशन तक ही जाना है | और यह ट्रेन यहां से अगले स्टेशन तक जाएगी ही | इतना कहकर वह आदमी ट्रेन की ओर दौड़ने लगता है | चाय वाला अपनी दुकान से झांककर देखता है की वो आदमी ट्रेन की ओर दौड़ रहा है तो वह उसे जोर से चिल्लाता है अबे आगे कहां जा रहा है मरेगा क्या ?
वह आदमी बोलता है अरे भाई साहब मुझे अगले स्टेशन तक ही जाना है | इतना बोलकर वह आदमी उस ट्रेन पर बैठ जाता है | वह आदमी देखता है की अंदर कुछ और यात्री बैठे है तो उनको कन्फर्म हो जाता है की यह ट्रेन अगले स्टेशन तक जायेगी ही |
उसमे से एक यात्री बोलता है तू हमें मारने आया है दूसरा यात्री बोलता है हमें जलने आया है और तीसरा यात्री बोलता है तू हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता क्यूंकि हमारे भगवान हमारे साथ हैं हम नहीं तू मरेगा | और उस तीनों ने मिलकर उस आदमी को मार दिया और ट्रेन से बाहर फेंक दिया |
तभी कुछ समय बाद पुलिस वाले उसके लाश के पास आये वही वो चायवाला भी आया और बोला बेचारा मर गया चीख – चीख कर कहां था मैंने इसे मत जा मत जा | टिकट काटने वाला बोला टिकट कटाने आया था तो मैंने तो मना कर दिया था |
पुलिस वाला बोला हमने स्टेशन मास्टर की बहुत इज्जत कर ली जब से रहस्यमई ट्रेन चालू हुई है यह ग्यारहवी मौत है अब तो स्टेशन मास्टर को बताना ही पड़ेगा आखिर उनकी हरी झंडी देने के बाद ही यह ट्रेन क्यों चलती है, कहां से आती है कहां जाती है और इसमें से उतरने वाले यात्री कौन है जो उतरने के बाद एकदम से गायब हो जाते हैं |
स्टेशन मास्टर बोलता है अरे मैं कैसे बता सकता हूँ मैं भी डर के मारे अपने ऑफिस पर दुबक जाता हूं | पुलिस वाला बोलता है झूठ मत बोलिये आप आकर हरी झंडी दिखाते हैं तब ही यह ट्रेन स्टार्ट होती है | साफ – साफ बताओ तब स्टेशन मास्टर बोलता है इंस्पेक्टर ये मत भूलिये की मैं इस स्टेशन का स्टेशन मास्टर हूँ मतलब इस पूरे स्टेशन का मालिक मुझ पर इल्जाम लगाने के जुर्म में मैं तुम्हें यहाँ से ट्रांसफर करवा सकता हूं |
इंस्पेक्टर उसे अपने साथ आने को बोलता है और उसे CCTV कण्ट्रोल रूम में ले जाता है और उसे दिखाता है की कैसे उसके हरी झंडी दिखाने के बाद ट्रेन वहा से जाती है | स्टेशन मास्टर इसे देखकर चौक जाता है और कहता है ऐसे कैसे हो सकता है ये सब मैं ही कर रहा हूँ और मुझे ही नहीं पता |
जब किसी से कुछ नहीं होता तो स्टेशन मास्टर एक तांत्रिक को बुलाते हैं और उसे पूरी ट्रेन के आने और जाने तक की सारी गतिविधियों की सीसीटीवी फुटेज दिखाते हैं | CCTV फुटेज देखकर वह तांत्रिक कहता है यह कोई भूतिया चक्कर लगता है उसी के सम्मोहन में स्टेशन मास्टर साहब जाकर हरी झंडी दिखाते हैं |
यही कारण है की स्टेशन मास्टर को कुछ याद नहीं रहता | चिंता मत करो आ जाने दो ट्रेन को मैं उस ट्रेन में जाऊंगा |
और रात होते ही ट्रेन के आने के टाइम पर सभी हमेशा की तरह दुबक जाते हैं तांत्रिक भी एक जगह छुपकर सब देखता रहता है तभी ट्रेन आती है रूकती है |
हमेशा की तरह यात्री उतरते हैं बाहर निकल जाते हैं तभी स्टेशन मास्टर नींद में चलते हुए आकर हरी झंडी दिखाते हैं आवाज देती हुई ट्रेन जैसे ही चालू होती है तांत्रिक दौड़कर उस ट्रेन में चढ़ जाता है |
तभी उसमे बैठे एक यात्री बोलता है तू हमें मारने आया है फिर दूसरा यात्री बोलता है हमें जिन्दा जलाने आया है फिर तीसरा यात्री बलता है हमारे मंदिर के भगवान का दुश्मन तांत्रिक बनकर आया है हमारे साथ हमारे भगवान हैं उदयपुर का मंदिर हम बनाकर ही रहेंगे तभी वो तीनों तांत्रिक को मारने के लिए उसके पास आने लगता है | तभी तांत्रिक अपने पोटली से राख निकालता है और उस तीनों पर फूंक देता है और ट्रेन से कूद जाता है |
स्टेशन मास्टर दौड़कर तांत्रिक के पास आता है और बोलता है आप ठीक तो हैं न तांत्रिक बोलता है चिंता की कोई बात नहीं है बेटा यह सारे वह भक्त हैं जो यहां से चार स्टेशन दूर उदयपुर में मंदिर बनाने के आंदोलन में शामिल हुए थे इन्हें दुश्मनों ने मंदिर बनाने से पहले ही ट्रेन में जिंदा जला दिया था |
अब जो भी उस ट्रेन में चढ़ता है उसे ये लोग अपना दुश्मन समझते हैं सोचते हैं वह उन्हें जिंदा जलाने आया होगा और वे उसे मार डालते हैं | इन्पेक्टेर बोलता है इसका कोई तो उपाय होगा बाबा क्या यह लोगों को ऐसे ही मारते रहेंगे | तांत्रिक बोलता है उसका उपाय सोच लिया मैंने उस मंदिर का बड़ा सा ढांचा बनवाकर प्लेटफार्म पर रख दो और ट्रेन के आते ही आप सबको वह करना है जो मैं बताऊंगा |
और ऐसे ही किया जाता है उदयपुर के विवादित मंदिर का बड़ा ही खूबसूरत ढांचा बनाया जाता है उसे प्लेटफार्म पर रखा जाता है | और सभी हिम्मत करके ट्रेन आने का इंतजार करने लगते हैं कुछ ही देर में ट्रेन आती दिखाई देती है ट्रेन को आते देखते ही सभी लोग घबरा कर कांपने लगते हैं चायवाला बोलता है मुझे तो बहुत डर लग रहा है स्टेशन मास्टर बोलता है तांत्रिक ने कहा था हमारे चेहरे पर खुशी होनी चाहिए |
जैसे ही ट्रेन आकर रूकती है स्टेशन मास्टर जोर-जोर से बोलता है आखिर इतने बरसो बाद उदयपुर का मंदिर बनाने का हमारा सपना पूरा हुआ | लो भई प्रसाद खाओ और स्टेशन मास्टर हिम्मत करके ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों को भी प्रसाद दिया और कहा हमारा सपना पूरा हुआ उदयपुर का मंदिर बन गया देखो ये रहा ढांचा |
और इस तरह वे यात्री खुश हो गये और ट्रेन में बैठकर वापस चले गये और उस दिन के बाद सूरजगढ़ में सब कुछ ठीक हो जाता है उस ट्रेन का आना बंद हो जाता है सभी तांत्रिक का धन्यवाद करते हैं |
तांत्रिक कहता है याद रखना बेटा इंसान हो या भटकती आत्मा वह तब तक भटकता है जब तक कि उसे अपनी इच्छा पूरी हुई दिखाई नहीं देती है एक बार उसे उसकी इच्छा पूरी हुई दिखा दो तो हमेशा के लिए भटकना बंद कर देता है