Hello दोस्तो आप सभी का फिर से स्वागत है, आज मै आपको इस Post में Pariyon Ki Kahani – परी और पैसे देने वाली पेड़ की कहानी बताने जा रहा हूँ अक्सर सभी को परियों की कहानी सुनना बहुत पसंद होता है और अगर उसमें जादू की करिश्मे मिला दे तो कहानी का और क्या कहना |
तो चलिए दोस्तों Pariyon Ki Kahani – परी और पैसे देने वाली पेड़ की कहानी की शुरुवात करते है |
Pariyon Ki Kahani | परी और पैसे देने वाली पेड़ की कहानी
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे सा गांव था और उस गाँव में एक गरीब किसान परिवार रहता था | किसान अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों के साथ रहते थे सभी अपनी जिंदगी से बहुत खुश थे हँसी खुशी अपनी जिंदगी जी रहे थे ।
तभी एक दिन बाढ़ आता है और उस बाढ़ में किसान का पूरा फसल नष्ट हो जाता है | अब किसान के पास खाने के लिए कुछ नही रहता है जैसे तैसे किसान खुद भूखा रहकर अपने बच्चो का भरण पोषण करते थे | तभी एक दिन उसके पास सब चीज समाप्त हो जाता है और बच्चे खाने के लिए जिद करते है ।
उसकी पत्नी अपने बच्चों को एक कमरे में बैठाकर पत्थर उबालने लगती हैं तभी वह किसान आता है और बोलता है अरे घर मे तो खाने के लिए कुछ भी नही था ये क्या उबाल रही हो |
फिर उसकी पत्नी बोलती है पत्थर उबाल रही हूं कुछ बन रहा है ऐसा सोचकर बच्चे इंतजार करते-करते सो जाएंगे आज की रात तो कट ही जाएगी कल क्या होगा भगवान ही जाने |
ऐसा सुनकर किसान रोने लग जाता है और कहता है ठीक है मैं पानी लेकर आता हूं रास्ते में खाने लायक कोई भी पौधा मिलेगा तो मैं खाने के लिए ले आऊंगा ऐसा कहकर वह पानी लेने चला जाता है ।
इधर आज परी लोक में सौंदर्य परी की जन्मदिन का जश्न मना रहे होते है तभी परी माँ बोलती है हे सौंदर्य परी आज आपका जन्म दिन है आज आपकी जिंदगी का सबसे खूबसूरत और अच्छा दिन है |
इस मौके पर धरती लोक जाइये और वहां गरीब इंसानो की मदद करके आइये, फिर सौंदर्य परी, परी माँ से आज्ञा लेकर धरती लोक चली जाती हैं ।
फिर कुछ समय बाद सौंदर्य परी धरती लोक पहुंच जाती हैं और वहां अपनी जादुई छड़ी से दो जादुई पेड़ धरती पर उगा देती हैं और दोनों पेड़ो से बोलती है |
हे वृक्ष तुम्हारी शरण में जो भी गरीब आएगा तुम उसे खाने के लिए फल और पैसे देकर उनकी गरीबी को दूर करना यह तुम्हारी जिम्मेदारी है | ऐसा कहकर सौंदर्य परी दुबारा परी लोक वापस चली जाती हैं ।
वहीं दूसरी तरफ किसान पानी लेकर वापस आ रहा होता है तभी अचानक उसे वह दोनों पेड़ दिखाई देते हैं किसान वह दोनो पेड़ो को देखकर सोचता है |
अरे इन पेड़ों को तो मैंने जाते वक़्त नही देखा था फिर अचानक यह पेड़ कहां से आ गए यह दोनो पेड़ तो बहुत सूखे लग रहे हैं चलो मैं दोनों को थोड़ा-थोड़ा पानी दे देता हूँ इनमें थोड़ी बहुत जान आ जाएगी ।
ऐसा कहकर किसान दोनों पौधों को थोड़ा-थोड़ा पानी दे देता है तभी अचानक एक पेड़ पर कई प्रकार के फल लग जाते हैं और दूसरे पेड़ पर बहुत सारे पैसे लग जाते है, किसान यह देखकर चौक जाता है ।
फिर एक पेड़ कहता है तुमने हमे पानी दिये इसके लिए तुम्हारा बहुत – बहुत धन्यवाद हम तुम्हारे इस सेवा से बहुत खुश हुए तुम बहुत ही अच्छे इंसान हो हम सब जानते हैं तुम्हारे बच्चे और पत्नी बहुत भूखे हैं और तुम्हारी पत्नी पत्थर उबाल रही है |
हे मनुष्य तुम चाहो तो फल भी ले जा सकते हो और तुम चाहो तो पैसे भी ले जा सकते हो तुम्हे जो चाहिए वह ले जाओ ।
तभी किसान बोलता है हे वृक्ष महाराज आप अवश्य ही कोई जादुई पेड़ है जो भगवान के द्वारा भेजे गए हैं फिर ऐसा कहकर किसान अपने बच्चों और पत्नी के खाने के लिए पेड़ से कुछ फल तोड़ लेता है और दूसरे पेड़ से भी थोड़े पैसे तोड़ लेता है ।
तभी एक पेड़ बोलता है किसान तुमने तो बहुत ही कम फल और कम पैसे लिए हैं तुम चाहो तो और भी ले जा सकते हो तभी किसान बोलता है |
हे पेड़ महाराज मुझे बस इतनी ही जरूरत थी यह फल मैंने अपने बच्चों के लिए लिये हैं और यह पैसे मैंने इसलिए लिए हैं ताकि जब गांव में काम आ जाएगा तब तक यह चल जाएंगे उसके बाद मैं अपनी मेहनत से कमा सकूंगा ।
किसान की है यह बातें सुनकर पेड़ बहुत ही खुश हो जाता है फिर कहता है हे किसान तुम बहुत ही नेक दिल और ईमानदार इंसान हो, यदि तुम अभी लालच में आकर और ज्यादा पैसे तोड़ते तो तुम अभी राख के पुतले में बदल जाते |
क्योकि यह पेड़ सिर्फ गरीब और जरूरतमंदों के लिए है, फिर भी अगर तुम्हें भविष्य में पैसों की जरूरत हो या फल की भी जरूरत हो तो निसंकोच यहां वापस आकर फल और पैसे ले जा सकते हो ।
पेड़ की यह बातें सुनने के बाद किसान पेड़ से आज्ञा लेकर अपने घर की ओर चला जाता है और जैसे ही वह अपने घर पहुंचता है उसके पत्नी और बच्चे बहुत खुश हो जाते है किसान फलो को अपने बच्चों को खिलाता है वे बच्चे बहुत खुश हो जाते है और अपने पिताजी को गले लगा देते हैं ।
तभी उसकी पत्नी इतने सारे फल और पैसे कहा से आये करके पूछती है फिर किसान अपनी पत्नी को सारी बाते बताता है उसकी पत्नी भी पेड़ का मन से शुक्रिया अदा करती है | अब सभी फिर से खुश हो जाते है उसकी जिंदगी में खुशियां फिर से लौट आती है ।
कुछ समय बाद उसका लालची पड़ोसी उसे देखता है और सोचता है कि इसके पास इतने सारे पैसे कहा से आये है? कुछ दिन पहले तो इसके पास खाने के लिए कुछ भी नही था ।
तभी वह लालची पड़ोसी और भी पड़ोसियों को इकट्ठा कर लेता है और सभी से कहता है अरे भाइयों सुनो लगता है इस किसान ने किसी के घर में चोरी की है |
क्योकि कुछ दिन पहले तक तो इसके पास खाने के लिए दाने भी थे और आज देखो बहुत सारे पैसे आ गए हैं | चलो चलो इसे इसकी चोरी की सजा जरूर मिलनी चाहिए चलो भाइयों ।
ऐसा कहते ही सभी पड़ोसी लाठियां उठाकर किसान को मारने के लिए उसके घर पहुंच जाते हैं और उसे आवाज लगाते हैं आजा चोर किसान हमें पता है तूने किसी के घर से चोरी की है तुझे चोरी का दंड देने के लिए हम यहां आए हैं बाहर निकल ।
तभी किसान बाहर आ जाता है और सभी के हाथ में डंडा देखकर किसान बहुत घबरा जाता है और कहता है अरे आप लोग डंडा पकड़कर मुझे क्यों मारने आये है, मैंने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया जो आप सब लोग मुझे मारने के लिए डंडा लेकर आ गए |
तभी पड़ोसी बोलता है क्यों रे कुछ दिन पहलर तक तो तेरे पास खाने के लिए दाने भी नहीं थे और आज इतने सारे पैसे कहां से लेकर आया ? जरूर तुमने किसी के घर चोरी की है, जल्दी बता किसके घर मे चोरी की है ।
किसान बहुत डर जाता है और कहता हैं नही मैंने किसी के घर चोरी नही की है कृपया मुझे छोड़ दीजिए, तभी पड़ोसी गुस्से से बोलता है तू ऐसे नही बताएगा, आज हम तुमने तेरी चोरी की सजा जरूर देंगे आज हम तुम्हें मार-मार कर यही मार डालेंगे ।
किसान डरते हुए कहता है मैंने किसी के घर में चोरी नहीं की है यह पैसे तो मुझे एक जादुई पेड़ ने दिए हैं | पड़ोसी बोलता अच्छा क्यों रे अब चोरी के साथ झूठ भी बोलने लग गया अगर ऐसी बात है तो चल दिखा हमें वह जादुई पेड़ कहा है ?
फिर किसान उन सभी को लेकर जादुई पेड़ के पास पहुंच जाता है फिर पेड़ से प्रार्थना करने लगता है और कहता है की हे पेड़ महाराज कुछ लोग मेरे ऊपर पर चोरी का कलंक लगा रहे हैं कृपया करके उन्हें बताइए कि मैंने चोरी नहीं की है यह पैसे आपने ही मुझे दिए हैं ।
ऐसा कहते ही एक पेड़ पर बहुत सारे फल लग जाते हैं और दूसरे पेड़ पर बहुत सारे पैसे इतने सारे पैसे देखकर लालची पड़ोसी लालच में आ जाते हैं और उन्होंने आव देखा ना ताव देखा तुरंत पेड़ पर ही पैसे तोड़ने लगते हैं | जैसे ही वे लोग पैसे तोड़ने लगते तुरंत राख के पुतले में बदल जाते है ।
सभी को राख के पुतले में देखकर किसान घबरा जाता है तभी सौंदर्य परी वहां पहुंच जाती हैं अचानक सौंदर्य परी को देखकर किसान बहुत घबरा जाता है |
तभी सौंदर्य परी कहती है घबराइये मत किसान मैं आपको कुछ नही करूँगी मैन तो यह जादुई पेड़ इसलिए उगाए थे ताकि गरीब लोगो की भलाई कर सके लेकिन धरती पर कुछ लालची इंसान ऐसे हैं जिनका लालच खत्म ही नहीं होता अब मैं इन पेड़ों को दोबारा परी लोक में लेकर चले जाऊंगी ।
तभी किसान बोलता है, हे परी आप चाहे तो यह पेड़ ले जा सकते हैं लेकिन पेड़ ले जाने से पहले जो इंसान राख के पुतले में बदल गए हैं कृपया करके उन्हें वापस सही कर दीजिए ताकि उनके परिवार के बच्चे और पत्नी भूखे ना मरे ।
फिर सौंदर्य परी बोलती है आप बहुत ही नेक दिल और ईमानदार इंसान हो आपकी इस ईमानदारी और नेक दिल को देखकर हम बहुत प्रसन्न हुए है ठीक है हम इन्हें ठीक कर देते हैं ।
ऐसा कहते ही परी अपनी जादूई छड़ी से किसान के पड़ोसियों को ठीक कर देती है और फिर पड़ोसी सौंदर्य परी से माफी मांगता है | हमे अपनी गलती का पछतावा हो रहा है फिर परी बोलती है दोबारा ऐसा लालच कभी मत करना क्योकि लालची इंसान खुद अपनी लालच में मर जाता है ।
इतना कहते ही सौंदर्य परी पेड़ को लेकर उड़ जाती है । फिर कुछ समय बाद पड़ोसी को बहुत पछतावा होता है और सभी गर्दन झुका कर अपने घर की तरफ वापस चले जाते हैं ।
Moral Of Story
तो प्यारे दोस्तों Pariyon Ki Kahani | परी और पैसे देने वाली पेड़ की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमे कभी भी लालच नही करना चाहिए हमारे पास जो भी है उतने में ही खुश रहना चाहिए यदि हमे और ज्यादा चाहिए तो पूरी ईमानदारी के साथ मेहनत करना चाहिए ।