Hello दोस्तों मेरा नाम नव्या है आज मैं आप लोगों को Romantic Stories In Hindi | 18 साल बबली की प्रेम कहानी, बताने जा रही हूँ, दोस्तों यह story रोमान्स और प्यार से भरपूर है, दोस्तो यह बहुत ही मजेदार और रोमांटिक कहानी है, इसलिए दोस्तों इसे मजे के साथ पढ़िये |
दोस्तों रोमांटिक कहानी पढ़ना सभी को अच्छा लगता है क्योंकि इसमें प्यार के साथ साथ रोमांस भी होता है तो चलिए दोस्तो Romantic Stories In Hindi | 18 साल बबली की प्रेम कहानी, की शुरुआत करते है और बबली की प्रेम कहानी का आनंद लेते है |
Romantic Stories In Hindi | 18 साल बबली की प्रेम कहानी
दोस्तों बबली नाम की एक लड़की एक छोटे से गांव में रहती थी जिसकी उम्र 18 साल थी | वह बहुत ही खुबसूरत और चंचल स्वभाव की थी, उसकी एक 17 साल की छोटी बहन भी थी , वे दोनों सभी काम-काज हमेशा साथ में करती थी | बबली और प्रीति मिल बांट के काम करते थे और एक दूसरे से फ्रेंड की तरह रहते थे |
वे दोनों एक दूसरे से कुछ भी नहीं छुपाते, एक दूसरे का ख्याल भी रखते और साथ ही घर मे बहुत मस्ती भी करते, ज्यादातर समय एक दूसरे के साथ ही रहते थे, लेकिन फिर अचानक उन दोनों के रिश्ते में दरार आने लगी और फिर एक दूसरे से उलझने लगे क्योंकि उसके गांव में अनिल नाम का एक लड़का था जो बहुत ही हैंडसम था जिसे दोनों बहन प्यार करती थी |
अब देखना यह था कि अनिल दोनों बहनों में से मिलेगी किसको ? लेकिन अनिल भी बहुत ही तेज लड़का था, वह भी दोनों को ही देखता था, एक दिन बबली और प्रीति रात को अनिल के बारे में बात कर रहे थे |
प्रीति – अनिल को कल मैं प्रपोज करूंगी, चाहे कुछ भी हो जाय कल तो मैं करके ही रहूंगी |
यह सुनकर बबली थोड़ा छुप से हो गई और सोचने लगी कि मेरी छोटी बहन अगर अनिल को प्रपोज करेगी तो क्या पता अनिल प्रीति का प्रपोजल एक्सेप्ट कर ले, मुझे कुछ तो करना होगा |
मॉर्निंग में बबली खेत पर टहलने को जा रही थी फिर वही रास्ते मे अनिल भी मिल गया, बबली उसे देखकर बहुत खुश हो गई, उसने सोचा कि शायद अनिल को फंसाने का अच्छा मौका है, लेकिन इससे पहले अनिल और बबली के बीच कोई बातचीत नहीं थी |
फिर बबली सोची और आईडिया लगाया और तुरंत ड्रामा किया, पैर में मोच आ गई इसका बहाना किया और जोर से चिल्लाई, फिर अनिल आया और कहा
अनिल – क्या हुआ सब ठीक तो है ना ? तुम ऐसे क्यों चिल्ला रही हो ?
बबली – नहीं मेरे पैर में मोच आ गई मैं चल नहीं सकती प्लीज मेरी हेल्प करो
फिर अनिल ने बबली को उठाया और एक शांत जगह पर बैठा दिया, उस जगह के आसपास कोई भी मौजूद नही थी, फिर कुछ समय बाद अनिल ने कहा
अनिल – शायद मैं आपकी मोच ठीक कर सकता हूं, यदि तुम बोलो तो मैं अभी ठीक कर सकता हु |
बबली – ठीक है जल्दी करो, बहुत तेज दर्द हो रहा है |
फिर अनिल ने जैसे ही बबली का पैर पकड़ा, बबली के तो रौंगटे से खड़े हो गये, जैसे ही अनिल ने बबली का पैर को दबाया, फिर बबली ड्रामा करके और जोर से चिल्ला कर नीचे गिर गई, जैसे ही वह नीचे गिरी, अनिल ने उसे तुरंत ही उठा लिया |
बस फिर क्या था अनिल, बबली को देखकर रोमांटिक सा हो गया और देखते ही जा रहा था, बबली भी अनिल को देखते ही जा रहा रही थी, दोनों आंखों में आंखें डाल कर एक दूसरे को देख रहे थे, बबली ने अपनी आंखें बंद कर ली यह सोच कर कि अनिल उसे किस करेगा और यही हुआ अनिल ने बबली को किस कर लिया और बबली का पूरा ड्रामा सक्सेसफुल हो गया |
फिर अनिल, बबली के साथ उस शांत जगह पर प्यार की डुबकी लगाई और बहुत ही सारा प्यार भरा रोमांटिक सीन भी हुआ, दोनों के बीच बहुत ही प्यार किया, फिर अनिल को प्रीति ने अपना नंबर दिया और खुश होते हुए अपने घर आ गई, रात में बबली और प्रीति बात कर रही थी |
बबली – क्या तुमने अनिल को प्रपोज किया ?
प्रीति – हां मैंने उसे प्रपोज कर दिया |
बबली अपने मन में सोचने लगी अनिल ने तो मना कर दिया होगा क्योंकि अब वो मेरा हो गया लेकिन फिर प्रीति बोली
प्रीति – उसने हां कर दी
यह सुनकर बबली एकदम शॉक हो गई और बोली
बबली – कैसे ? जल्दी बताओ |
प्रीति – दोपहर का टाइम था मैं अनिल को ढूंढ रही थी, ढूंढते ढूंढते खेत तक पहुंच गई, अनिल मुझे वही मिला, मैंने अनिल को बुलाया और कहा अनिल इधर आना तुमसे कुछ बात करनी है, अनिल आया और उसने कहा
अनिल – हां पूछो क्या बात है ?
प्रीति – I Love You, मै तुमसे बहुत प्यार करती हूं |
अनिल चुप हो गया और कुछ देर बाद बोला
अनिल – आप क्या बोल रही हो ? मैं तो आपको अच्छे से जानता भी नही |
प्रीति – कुछ दिन साथ रहोगे सब जान जाओगे, यदि चाहो तो तुम मुझे खेत में ले जाकर टेस्ट भी कर सकते हो |
ऐसा कहते ही अनिल ने प्रीति को खेत के अंदर ले गया अब बस अनिल और प्रीति के बीच प्यार की फुलझड़ी जल गई और दोनो ने बहुत प्यार किया, यह सब सुनने के बाद बबली चुप रही और पीछे हट गई, अब बबली भी क्या करती, वह भी अनिल के साथ प्यार की दुबकी लगा चुकी थी |
इसके बावजूद बबली, अनिल से प्यार करती रही, उससे बातें करती थी और हर हफ्ते मिलने जाती थी क्योंकि जो होना था वो हो चुका था और जो हो चुका था अब जब तक चल रहा है चलने दो, बाद जो होगा वो देखा जायेगा |