Hello फ्रेंड्स मेरे इस Website पर आप सभी का स्वागत है, आज मैं आपको एक बहुत ही जबरदस्त, शानदार और जानदार Motivational Story शेयर करने जा रहा हु, यह Story हर Students के लिए है जो अपनी लाइफ मे सफलता पाना चाहते है |और सफलता पाने के लिए क्या – क्या करना पड़ता है और हा साथ में उन लोगो के लिए भी है जो हमेशा दुसरो को ताने मारते रहते है और दुसरो की चुगली करते रहते है |
दोस्तों यह Best inspirational Story For Students | रामू-एक गाँव का ग्वार शुरू करने से पहले मैं आपको ये बताना चाहता हूँ की एक स्टूडेंट के लिए सफलता का मतलब क्या है, तो दोस्तों एक स्टूडेंट के लिए सफलता का मतलब अच्छे सफलता में पढ़ाई करना, अच्छे मार्क्स लाना, जॉब करना ये बिलकुल भी नही, ये धारणायेआप अपने दिमाग से निकाल दो,तो आईये दोस्तों जानते है आखिर ये Students के लिए सफलता का क्या मतलब है?
दोस्तों Students के लिए सफलता का मतलब है की आत्मनिर्भर बनना, सही गलत की पहचान होना, कठिन परिस्थिति में भी अपना संयम नहीं खोना,अपनी Life का फैसला (Decision) खुद लेना और उस फैसले (Decision) पर कायम रहना और हा सबसे जरुरी बात एक अच्छा इंसान बनना और दुसरो की इज्जत करना, तो दोस्तों Motivational Story in Hindi (रामू – एक गाँव का ग्वार) भी इसी पर आधारित है |
तो चलिए दोस्तों Motivational Story in Hindi (रामू – एक गाँव का ग्वार) कहानी की शुरुआत करते है |
रामू – एक गाँव का ग्वार
दोस्तों बहुत समय पहले की बात है बिहार के एक गाँव में रामू नाम का एक लड़का रहता था, रामू बहुत ही सीधा – साधा, Simple और दिल से साफ़ इंसान था,रामू को बचपन से ही खेती किसानी अच्छा लगता था, वह अक्स रखाली समय में अपने पिताजी के साथ खेत जाता था | वह हर जरूरतमंद की अपने तरफ से मदद करने की कोशिश करता था, रामू के पिताजी एक किसान थे वह खेती किसानी करके अपने परिवार का भरन पोषण करते थे |
धीरे – धीरे रामू ने अपने School की पढाई Complete कर ली, फिर रामू Collage की पढ़ाई करने के लिए दुसरे जगह चला गया, उसके पिताजी ने रामू के बेहतर भविष्य के लिए बहुत बड़े इंजीनियरिंग Collage में Admission करा दिया | क्यूंकि पड़ोस वाले शर्मा जी का बेटा वही Collage से इंजीनियरिंग की है और आज वो विदेश में नौकरी कर रहा है, ये सोचकर उसके पिताजी ने भी उसका एडमिशन करा दिया |
उस समय राजू को कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था की क्या करना चाहिये फिर रामू ने सेफ ज़ोन में जाना सही समझा, यही सोचकर वो भी अपने पिताजी और दुनिया वालो के अनुसार चले गये |
बेचारा रामू को Collage जाने से पहले ही शर्मा जी ने बधाई दे दिया की रामू अब तो तू भी विदेश में जाके मेरे बेटे के जैसा नौकरी करेगा |
फिर जब रामू पहली बार Collage गया तो वहा के बड़ी – बड़ी Building, वहा के Facility और वहा की लडकियों को देखकर बहुत खुश हो गया था क्योकि इससे पहले रामू ने ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा था, उसने School की पढ़ाई शासकीय School से की थी |
Collage के पहले दिन जब Teacher ने सभी का Introduction लिया तो सभी Students ने एक एक करके अंग्रेजी में अपना Introduction दे रहे थे | तभी रामू का नंबर आया और अंग्रेजी में इंट्रो देने की कोशिश तो की लेकिन वह ठीक से नही दे पाया फिर हिंदी में भी देने की कोशिश लेकिन हिंदी में भी ठीक से नही दे पाया |अब सब रामू के ऊपर हंसने लगे, रामू घबरा गया रामू को कुछ समझ में ही नही आ रहा था की उसके साथ क्या हो रहा है |
अब रामू जब भी Collage आता था सब उसका मजाक उड़ाते और उसे “गाँव का ग्वार” कहते थे, रामू रोज – रोज यही बाते सुनकर परेशान हो गया था और Collage का पढ़ाई में भी उसका मन नही लगता था क्यूंकि उसको कोई भी चीजे समझ में नही आ रहा था | Collage में जो भी पढ़ाते थे सब उसके सर से ऊपर जा रहा था |
धीरे – धीरे वह Depression में जा रहा था क्यूंकि उसके ऊपर पढाई का बोझ था, घर की जिम्मेदारियों का बोझ था, और ऊपर से सब Collage में उसका मजाक उड़ाते थे |धीरे – धीरे समय आगे बढ़ता गया वह और Depression में जाने लगा और साथ ही उसे सही गलत का फर्क भी नजर आने लगा,जैसे तैसे वह दो साल Complete किया, लेकिन इन दो साल में उसे पढ़ाई से रिलेटेड कोई भी चीजे समझ में नहीं आ रहा था, वह हमेशा हताश, परेशान और अकेला रहता था |
फिर एक दिन उसनेअपने आप से सवाल किया, “क्या मैं इस पढ़ाई से खुश हूँ”, क्या “इससे मेरा भविष्य (Future) सही रहेगा”, क्या “मेरी Strength यही है या कोई दूसरा है”, जब मैं गाँव में था तब मुझे क्या चीज करने में अधिक मजा और ख़ुशी मिलता था, “मैं किस काम को पुरे मन से करता था” , यही सवाल अपने आप से कई दिनों तक पूछता रहा, फिर एक दिन उसको अपने सवाल का जवाब मिल गया |
उसने दुनिया वालो की बिना परवाह किये अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा Decision लिया और बीच में ही इंजीनियरिंग छोड़ दी और वापस घर आ गया, घर आने के बाद रामू ने अपने पिताजी से कहा मैंने इंजीनियरिंग छोड़ दी, फिर उसके पिताजी ने उसे डाटते हुए कहा तू पागल तो नही हो गया है |
सब हँसेंगे तुझ पर और शर्मा जी क्या कहेंगे, फिर रामू ने बड़े प्यार से अपने पिताजी को समझाया और कहा मुझे दुनिया वाले क्या कहेंगे इससे कोई मतलब नही है, ना ही शर्मा जी से, क्योकि शर्मा जी ने ना ही मुझे पढ़ाया है ना ही मुझे पाला है, आप क्या सोचते हो मुझे आपसे मतलब है, रामू के पिताजी को कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था की वो क्या करें क्योकि उसने अपनी सारी पूंजी पढ़ाई में लगा दी थी |
फिर अगले दिन सुबह रामू जल्दी उठा और खेती – किसानी करने निकल गया क्यूंकि उसे यही काम करने से ही ख़ुशी मिलता था, फिर वह रोज खेत जाने लगा, यह सब देख कर अक्सर शर्मा जी उसे ताना मारा करते थे लेकिन रामू उनकी बातो को ध्यान नही देता था |
धीरे – धीरे रामू अपने काम को पुरे मन से करने लगा और वह अपने काम में दिन रात एक कर दिया, फिर धीरे – धीरे उसके पिताजी को समझ में आ गया और अब वह भी रामू का साथ देने लगा, रामू ने खेती किसानी में अपनी पूरी जान लगा दी, वह कठिन परिश्रम (Hard work) करता था, शाम होते ही उसके पिताजी बोलते थे की चलो बेटा अब घर चलें, फिर रामू बोलता था नहीं पिताजी “मैंने तो अभी शुरुआत की है” |
रामू ने अपने काम में सब कुछ लगा दिया और नई – नई तरीको से काम करने लगा फिर कुछ साल बाद रामू अपने मेहनत के दम पर बहुत बड़ा आदमी बन गया और खुद की कम्पनी भी खोल दी और उसकी कम्पनी में हजारो मजदुर काम करते थे, और उसी कम्पनी में रामू के Friends भी काम करते थे जो अक्सर रामू का मजाक उड़ाते थे और उसे “गाँव का ग्वार” कहते थे, फिर कुछ दिन बाद शर्मा जी को भी अपनी गलती का अहसास हुआ |
तो दोस्तों ये थी रामू की कहानी की कैसे अपने मेहनत और Passion के दम पर Success हासिल किया |
Moral Of Story
तो दोस्तों इस कहानी से यह सीख मिलती है की कोई भी काम करो चाहे आप Business करो, जॉब करो या खेती किसानी हमेशा अपने दिल से करो और पुरे मन लगाकर करो सफलता जरुर मिलेगी |
इस कहानी से ये भी सिख मिलती है कि हमें खुद फैसला लेना चाहिये न की कोई दुसरा हमारे लिये फैसला ले की हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिये |
और हमें हमेशा खुद की सुननी चाहिये दुसरे क्या बोलेंगे, वो हमारे बारे में क्या सोंचेंगे ऐसी बातों को हमें अपनी दिमाग से निकाल देना चाहिये |
तो दोस्तों Motivational Story in Hindi (रामू-एक गाँव का ग्वार) कैसी लगी हमे Comment करके जरुर बताये और ये कहानी अपने दोस्तों को जरुर शेयर करे |