Hello दोस्तो आप सभी का स्वागत है मेरा नाम पायल है आज मैं आप लोगो को Small Moral Stories In Hindi – कुएं का मेंढक, की कहानी बताने जा रही हु जो मजेदार और Motivated है, ये कहानी आप लोगो को कुछ सीख भी देगी |
दोस्तो ऐसी स्टोरी हर वर्ग के लोगो को पढ़ना चाहिए क्योंकि ऐसी स्टोरी पढ़ने से हमें अंदर से प्रेरणा मिलती हैं, जिंदगी में आगें बढ़ने का रास्ता मिलता हैं और साथ ही कठिन परिस्थितियों का सामना करने की भी प्रेरणा मिलतीं हैं इसलिए इस कहानी को बी बड़े ही ध्यान से पढ़े |
तो चलिए दोस्तों Small Moral Stories In Hindi – कुएं का मेंढक, की शुरुआत करते हैं और इस मोरल कहानी से कुछ सीखने का प्रयास करते हैं और साथ ही जिंदगी में आगे बढ़ने की भी कोशिश करते है |
हम आप लोगो के लिये ऐसे ही मजेदार Moral Story in Hindi लेके आते रहेंगे इसलिए आप हमारे वेबसाइट जो जरूर Follow करके रखे | चलिये शुरू करते है आज की Small Moral Stories In Hindi कुएं का मेंढ़क |
कुएं का मेंढक
बहुत समय पहले की बात हैं एक बहुत बड़ा समुद्र था और उस समुद्र में कई समुद्री जीव रहते थे, उसी समुद्र से थोड़ी दूर पर एक कुआँ था और उस कुएं में एक काला बड़ा मेंढक रहता था उसका उसी कुएं में जन्म हुआ था इसलिए वह उससे बाहर कहीं नहीं गया था, वह तो था संसार के बारे में अज्ञानी परंतु स्वयं को सबसे बड़ा ज्ञानी समझता था |
वह कुए के अंदर ही जीव जंतुओं को खाकर अत्यंत प्रसन्न था, वह अपनी जिंदगी से बहुत खुश था, एक दिन समुद्र का एक मेंढक रास्ता भूलकर कुएं के पास आ गया तथा अचानक एक तेज आवाज के साथ कुएं में गिर पड़ा, कुएं का मेंढक सो रहा था परंतु आवाज सुनकर जाग गया और बोला
कुएं का मेंढक – यह अजनबी कौन है ? यह दिखता तो मेरी तरह है लेकिन मेरी तरह काला नही है, ऐ अजनबी तुम यहां किसलिए आये हो | (Small Moral Stories In Hindi )
समुद्र का मेंढक – मैं समुद्र में रहता हूं रास्ता भटककर यहां आ गया |
कुएं का मेंढक – क्या ये वाकई में सच है कि तुम समुद्र से आये हो |
समुद्र का मेंढक – हा ये बिल्कुल सच हैं कि मैं समुद्र से आया हु |
कुएं का मेंढक आश्चर्य होकर बोला – क्या समुद्र कुएं जितना बड़ा है ?
समुद्र का मेंढक – मेरे प्यारे दोस्त समुद्र की तुलना तुम इस छोटे कुएं सके कैसे कर सकते हो |
कुएं का मेंढक – तो क्या तुम्हारा समुद्र इस कुएं से बड़ा है ?
समुद्र का मेंढक – मूर्खो जैसी बात मत करो, समुद्र की तुलना कुएं से कैसे हो सकती है तुम्हारे इस कुएं से कई हजार गुना बड़ा है हमारा समुद्र समझ गए |
कुएं का मेंढक इस उत्तर को सह नही सका उसे लगता था कि उसका कुआं ही सबसे बड़ा है, समुद्र से आया मेंढक अब उसे बुरा लगने लगा (Small Moral Stories In Hindi )
कुएं का मेंढक गुस्से से बोला – तुम बहुत बड़े झूठे हो तुम अपने आप को महान सोच रहे हो तुम्हारा समुद्र मेरे कुएं से बड़ा नहीं हो सकता मैं तुम पर विश्वास नहीं कर सकता ऐसा |
समुद्र का मेंढक – ऐसा इसलिए क्योंकि तुमने अभी तक समुद्र नहीं देखा है और तुम्हे समुद्र के बारे में भी ज्ञान नही हैं, मेरे साथ चलो तुम्हें दिखाता हूं समुद्र कैसा है |
कुएं का मेंढक – मैं तुम्हारी बातों में नही फसने वाला, मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि तुम मुझे समुद्र में छोड़कर इस कुएं का राजा बनना चाहते हो इसीलिए तुम मुझसे यह कह रहे हो, मैं सभी दावों को जानता हूं, मैं सब जानता हु इसलिए अब तुम यहां से तुरंत चले जाओ |
कुएं के मेंढक की बातें सुनकर समुद्री मेंढक बहुत दुखी हुआ क्योंकि वह तो उसे सभी जानकारियां देना चाहता था फिर उसने निर्णय लिया कि अब इस अज्ञानी को कुछ नहीं बताएगा और बिना कुछ बोले वह प्रसन्नता पूर्वक कुएं से बाहर निकल गया |
कुएं का मेंढक – उस मुर्ख ने सोचा कि वह मुझे मूर्ख बनाकर समुद्र में भेज देगा, मुझे कोई मूर्ख नहीं बना सकता, मेरे कुएं से अधिक बड़ा कुछ भी नहीं हो सकता । (Small Moral Stories In Hindi )
इस तरह कुए के सभी जीव जंतुओं को खाता हुआ काला बड़ा मेंढक पहले की ही तरह कुएं में खुशी-खुशी रहने लगा |
दोस्तों कुएं के मेंढक की भांति किसी को भी दूसरों के प्रति दृष्टिकोण नहीं अपनाना चाहिए दूसरों की प्रशंसा करके उसके दृष्टिकोण को भी समझना चाहिए यही सभ्यता है |