Hello friends आप सभी को मेरा नमस्कार,मेरा नाम प्रिया शर्मा है और आज मैं आपको Story For Kids in Hindi ( बाघ और किसान ) बताने जा रही हूँ | यह कहानी बहुत ही मजेदार है, यह कहानी जब मैं छोटी थी तब मेरी दादी ने मुझे सुनाई थी |
ये कहानी मुझे अभी तक याद है क्योकि दादी – नानी की कहानी को शायद ही कोई भुला होगा, यह कहानी जब मैं 5 साल की थी तब मेरी दादी ने मुझे सुनाई थी |
एक बार जब मैं सुबह देर से उठी और School भी देर से गई तो Teacher ने मुझे डाटा और Punishment भी दी, मैं उस दिन बहुत उदास थी, फिर रात में Dinner करने के बाद जब मैं अपने रूम गई तो थोड़ी देर बाद दादी भी आ गई और बोली क्या हुआ मेरी प्यारी परी को ?
आज बहुत शांत है, तब मैंने दादी को सारी बातें बताई ? फिर दादी ने अपना हाथ मेरे सीर पे रखी और बोली आज हम अपनी लाडली परी को कहानी सुनायेंगे | यह सुनकर मैं बहुत खुश हो गई फिर दादी ने कहानी सुनाना शरू किया |
Story For Kids in Hindi बाघ और किसान
बहुत समय पहले की बात है एक बहुत बड़ा जंगल था और उस जंगल में सभी प्रकार के जानवर रहते थे |
जैसे साँप, बिच्छु, बन्दर, जिराफ हाथी, हिरण, खरगोश, चूहा, जंगली कुत्ता, जंगली भैसा, चील, बाज आदि इसके अलावा कई खरतनाक जानवर भी रहते थे जैसे शेर, बाघ, चीता, तेंदुआ, मगरमच्छ, लोमड़ी, भालू आदि |
ये खतरनाक जानवर अपनों से छोटे जानवर का शिकार करके अपना पेट भरते थे, सभी जानवर अपनी जिंदगी जीने के लिए संघर्ष कर रहे थे, क्योकि जंगल में कोई भी जावनर बिना संघर्ष के जीवित नहीं रह सकता |
जंगल के नजदीक एक गाँव था उस गाँव का नाम रतनपुर था उसी गाँव में एक किसान रहते थे जिसका नाम बिरजू था | बिरजू दिल का बहुत अच्छा आदमी था उसे किसी का दुःख नहीं देखा जाता था और वह जानवरों से बहुत प्यार करता था |
एकदिन बिरजू जंगल से लकड़ी काटकर अपने घर आ रहे थे | तभी रास्ते में उसने एक बाघ देखा, वह किसान डर गया और झाड़ियो में छिप गया वह बाघ बहुत ही खतरनाक था |
और अभी – अभी एक जानवर का शिकार करके वापस अपनी गुफा में जा रहा था | तभी अचानक रास्ते में बाघ का पैर कांटे में फस गया उसे बहुत दर्द हो रहा था |
उसने काँटा निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन निकाल नही पाया बाघ का दर्द धीरे – धीरे और बढ़ रहा था उसे वह दर्द सहन नही हो पा रहा था और ये सब देखकर बिरजू को बहुत दुःख हो रहा था |
फिर बिरजू ने हिम्मत जुटाई और बाघ के पास चला गया और बड़े ही सावधानी से बाघ के पैर का काँटा निकाला दिया | बाघ ने शुक्रिय के तौर पर उसे चांटा और बिना नुकसान पहुचाये वहा से चला गया |
फिर कुछ दिनों बाद जंगल में डाकू आया वह जानवरों को बंदी बनाकर पिंजरे में रख देते थे | और कई बार तो जानवरों और गाँव के इंसानों के बीच कुश्ती कराते थे |
ऐसा करने में डाकुओ को बहुत मजा आता था फिर एक दिन डाकुओ ने बाघ को पकड़कर ले गये | और उसे एक पिंजरे में कैद कर दिया और डाकुओ ने फिर से कुश्ती का आयोजन रखा और इस बार डाकुओ ने बाघ के पिंजरे में बिरजू को डाल दिया |
बाघ बिरजू पर हमला करने ही वाले था फिर उसने देखा की ये वही आदमी जिसने काटा निकालने में मेरी मदद की थी | फिर बाघ उसके पास गया और उसे प्यार से चाटने लगा |
फिर बिरजू भी उसको सहलाने लगा ये देखकर डाकू सोच में पड़ गये और फिर बिरजू से पूछा ये बाघ तुम्हें क्यों नही मारा ? फिर बिरजू ने जवाब दिया एक बार मैंने इस बाघ की मदद की थी |
तभी सभी डाकुओ को अपनी गलती का अहसास हो गया उसने तुरंत दोनों को पिंजरे से आजाद कर दिया और साथ ही बाकी जानवरों को भी आजाद कर दिया |
तो इस तरह कहानी का अंत हुआ |
Moral of Story
तो दोस्तों Story For Kids in Hindi ( बाघ और किसान की कहानी ) से यह सीख मिलती है की जानवरों को बेवजह नही मारना चाहिये और ना ही उसे पिंजरे में कैद करके रखना चाहिये जंगली जानवर आजाद घुमने वाले प्राणी है |
साथ ही जो जैसा कर्म करता है उसे वैसा ही फल मिलता है बिरजू ने उस बाघ को बचा कर अच्छा काम किया था तो बाघ ने उसे कुछ नहीं किया |
तो दोस्तों यह Short Story आपको कैसी लगी हमें Comment करके जरुर बताये और साथ ही हमें ये भी बताये की अगर आपको कोई पिंजरे में कैद करके रख दे तो आपको कैसा लगेगा |