हेल्लो दोस्तों मैं आज आपका फिर से स्वागत करता हूँ एक Fantastic story में इस कहानी में हम Tenali Rama story पे आधारित कहानी बताएँगे की कैसे तेनाली ने अपने राजा की समस्या का समाधान किया और कैसे एक कलाकार को उसके मुह मांगे ईनाम को उसे दिया | दोस्तों ये कहानी आपको बहुत पसंद आयेगी दोस्तों आप कमेन्ट करके अपनी राय हमें दे सकते की हमें किस तरह की कहानी आपके लिए लानी चाहिये |
हम Tenali Rama Story पे आधारित और भी कहानिया लाये है आप उसे भी पढ़कर मजा ले सकते है और कुछ सीख भी सकते है तो चलिये दोस्तों बिना समय बर्बाद किये शुरू करते है आज की कहाँनी
सबसे कीमती चीज
राजा कृष्णदेव राय ने उड़ीसा राज्य पर विजय पाई थी और विजयी होकर विजयनगर लौटे थे सारा राज्य तेजोमयी था और लोग विजयी राजा का स्वागत करने को उमड़ रहे थे राज दरबार में विजय मनाने के लिए इकठ्ठा हुआ था |
राजा बोला मेरे प्यारे मंत्रियों आज मैं बहुत खुश हूं यह विजय हमारे लिए बहुत खास है
इसलिए हम एक उत्सव मनाना चाहिए पर क्या करें | तब एक मंत्री बोला “महराज” इस यादगार के लिए राज्य में विजय का एक विजय खंभा होना चाहिए जिस पर खास नक्काशी भी हो राजा बोला यह तो अति उत्तम विचार है तुरंत राज कलाकार को बुलाकर विजय खंभे का काम शुरू करने के लिए आदेश दिया जाए
राजा की आज्ञा अनुसार विजय खंभे का काम शुरू हो गया कलाकार ने दिन-रात काम किया और बहुत सुंदर खम्भा बनाया कुछ दिनों बाद किसी एक खास दिन राजा ने राज्य में विजय खंबे का शुभारंभ किया |
और राजा ने कहा मेरे प्यारे लोगों और मेरे मंत्रियों मैंने यह खंबा हमारे विजय के रूप में बनवाया है हर कोई इस खंभे का आदर करें और हमेशा इस जगह को साफ सुथरा रखें |
राजा बोला हमारे कलाकार सुंदरवर्धन ने खंभे पर अति सुंदर कलाकारी की है इसलिए मैं इन्हें इनाम देना चाहता हूं कलाकार तुम्हें जो चाहिए मांगो, कलाकार बोला “महाराज” आपने मुझे बहुत बढ़िया मौका दिया है आपने मुझे जो दिया है उससे मैं बहुत खुश हूं मेरे लिए वह काफी है मुझे और कुछ नहीं चाहिए “महराज” | राजा बोला ऐसा मत कहो तुम्हें जरूर कुछ लेना चाहिए कम से कम मेरे लिए | जैसी राजा ने कहा वैसे ही कलाकार ने राजा के सामने खाली झोला पकड़ा और बोला “महाराज” यह थैला लेकर इस संसार की सबसे कीमती चीजें भर दीजिए | राजा बोला सबसे कीमती चीज हीरे या जवाहरात जो चाहो मैं तुम्हें दूंगा क्योंकि तुम्हारे काम की तुलना में यह सब कुछ नहीं है
कलाकार बोला महाराज आपने जो भी फरमाया उसकी संसार में कोई ना कोई कीमत जरूर है मैंने जो मांगा है वह इस संसार से भी ज्यादा कीमती है अगर आप उसे ढूंढ कर मुझे देंगे तो मैं जरूर स्वीकार कर लूंगा
राजा अश्मंजस में पड़ गया और कोई भी नहीं जान पाया कि वह क्या मांग रहा है राजा बोला Hmmm मैं समझता हूं तेनाली इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए सही आदमी है लेकिन तेनाली तो आज नहीं है इसलिए कल तुम दरबार में जरूर आना मैं तुम्हें सबसे कीमती चीज इनाम में दूंगा जो तुमने मांगी हो कलाकार बोला जो आज्ञा “महाराज” अगले दिन सिपाही तेनालीराम के घर गया और राजा की परेशानी के बारे में उसे बताया और दरबार में आने के लिए कहा |
राजा कलाकार और मंत्री जब राह देख रहे थे तो तेनालीराम राज दरबार में आया राजा बोला तेनाली इस कलाकार ने उसे संसार की सबसे कीमती चीज देने के लिए मांगा है तुम्हें बताना होगा कि वह क्या है तेनाली बोला जो कुछ भी हुआ मैंने सब कुछ सुना है “महाराज” आप चिंता बिल्कुल ना करें कलाकार मुझे यह बैग दो |
कलाकार ने थैला तेनाली को दिया तेनाली खाली थैले का मुंह बंद किया और उसे कलाकार को दे दिया और कहा कलाकार सुनो इस बाद में वही सबसे ज्यादा कीमती चीज है जो चीज तुमने मांगी थी इसे स्वीकार करो | कलाकार बोला धन्यवाद तेनाली मैं चलता हूं “महाराज” राजा सोंचने लगा कलाकार ने तेनाली का धन्यवाद क्यों किया और खाली थैला पाने के बाद बिना कुछ कहे दरबार से क्यों चला गया |
राजा बोला जो कलाकार जिसने हीरे और जवाहरात लेने से इनकार कर दिया था वह तुमसे खाली थैला कैसे ले गया तेनाली बोला महराज वह एकदम खाली थैला नहीं था “महाराज” उसमें विजयनगर की शुद्ध और अदृश्य हवा भरी हुई थी जिस पर सबसे विजयी राजा कृष्णदेव राज किया करते थे “महाराज” कोई मनुष्य हवा के बिना जी ही नहीं सकता है इसीलिए कलाकार ने हवा को सबसे कीमती चीज जानकर स्वीकार किया है |
राजा बोला तेनालीराम तुम्हारी अकलमंदी की कोई जवाब नहीं है तुम्हें पाना विजयनगर की तकदीर है और तुम्हारी सजा यह तुम्हें 1 दिन के लिए भी छुट्टी नहीं मिलेगी जी महाराज तुम्हारे बिना इस राज दरबार में कोई काम पूरा नहीं हो सकता मैं क्या कर सकता हूं | और इस तरह राजा का दिया हुआ वचन भी झूठा नहीं हुआ और कलाकार को भी उसका मुह माँगा ईनाम मिल गया |
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