भूतों की 3 सच्ची कहानी | The Real Ghost Stories in Hindi बताऊंगा, जो बहुत ही ज्यादा डरावनी और भयानक हैं, इसे पढ़ने के बाद आपका शरीर कांपने लगेगा, ऐसी खतरनाक कहानी आप लोगो को और कही नही मिलेगी, तो इस कहानी को बड़े ही ध्यान से पढ़े |
दोस्तों ये भूतों की 3 सच्ची कहानी | The Real Ghost Stories in Hindi, आप लोगो को पढ़ने में भी मजा आएगा, साथ ही आपको डर भी बहुत लगेगा, इसलिए दोस्तों भूतों की 3 सच्ची कहानी The Real Ghost Stories in Hindi को बड़े ही ध्यान से पढ़िए |
तो चलिए दोस्तों भूतों की 3 सच्ची कहानी | The Real Ghost Stories in Hindi, की शुरुआत करते हैं और डर का मजा लेते हैं |
भूतों की 3 सच्ची कहानी – The Real Ghost Stories in Hindi
1. बरगद वाली खतरनाक चुड़ैल
जब इंसान की सांसें भी थमने लगें। जब इंसान की रूह भी कांपने लगे, तो अंदाजा लगाइएगा कि उस इंसान के ज़हन के अंदर कैसा माहौल होगा, मान लीजिए कि आप कहीं काम करते हैं और अचानक से आपका कुछ ऐसी शक्तियों से सामना हो जाए जो अप्रत्याशित हों,
जिन्हें देखने के बाद या यूं कहें कि जिन्हें महसूस करने के बाद आपकी जिंदगी ही बदल जाए। दोस्तो कुछ ऐसा ही हुआ Gujarat में एक ATM Service Company में काम करने वाले जितेंद्र के साथ। Gujarat में एक ATM Service Company में काम करने वाले जितेंद्र एक मध्यम वर्ग के इंसान थे।
वो न बहुत हाईफाई सोसायटी के थे ना ही बहुत ही गरीब। बस किसी तरह उनके जीवन का गुजारा चल जाता था। इतना वो कमा लेते थे। उनकी शादी को करीब 4 साल हो चुके थे। उन्हें एक बेटा भी था।
वैसे तो जितेंद्र बहुत ज्यादा पूजा पाठ नहीं करते थे या यूं कहा जाए कि बहुत ज्यादा इन चीजों में उनकी आस्था नहीं थी और अगर रास्ते में कोई मंदिर या मस्जिद आ जाए तो अपना सिर जरूर झुका लेते थे। जितेंद्र की नौकरी का समय दिन में लगभग 9 घंटे का होता था
पर ATM Machine का फाल्ट आने पर उन्हें रात के किसी भी वक्त Service देने जाना पड़ जाता था। अपने इसी काम के चलते वह एक रात अपनी Bike से जा रहे थे। उन्हें शहर से थोड़ी दूर एक रिहायशी इलाके के पास ATM में फॉल्ट हुई थी।
उसे ठीक करने जाना था। वैसे तो इस काम के लिए दो लोग थे, पर जितेंद्र का पार्टनर उस रात बीमार था, तो Servicing के लिए उन्हें अकेले ही जाना पड़ा। जब वह इस पॉइंट पर पहुंचे तो अपनी Bike उन्होंने स्टैंड पर खड़ी कर दी।
तभी वहां उन्हें ATM बूथ पर एक खूबसूरत सी लड़की दिखाई दी। जितेंद्र ने सोचा कि उसे शायद पैसे निकालने होंगे और वह ATM Machine के ठीक होने का वेट कर रही होगी। फॉल्ट ठीक करने के लिए जैसे ही जितेंद्र ATM बूथ के अंदर गए
तो वह लड़की भी पीछे पीछे अंदर आने लगी। Security Guard ने उन्हें बाहर रुकने के लिए कहा। अब जितेंद्र अपना काम शुरू कर चुके थे तभी अचानक उनकी नजर उस ATM के बाहर पड़ी। वहां उन्होंने जो देखा उसे देख कर के उनके पसीने छूट गए।
बाहर जो लड़की खड़ी थी अब वो वहां पर नजर नहीं आ रही थी। उन्होंने चारों तरफ नजर घुमाई लेकिन उन्हें कोई दिखाई नहीं दिया। उनकी उत्सुकता बढ़े। चूंकि रात का समय था वीराना सन्नाटा था।
ATM जहां पर था वहां पर छोटा मोटा जंगल लगा हुआ था। यहां तक कि उस जगह पर कुछ लाशों को भी दफनाया जाता था। हो सकता है यही सोच करके उनकी उत्सुकता बढ़ ही गई। उन्होंने दरवाजे से बाहर झांक करके देखा
तो उनके रगों में बहता हुआ खून भी बर्फ के जैसे जम गया था। क्योंकि बाहर खड़ी लड़की का चेहरा बुरी तरीके से बिगड़ा हुआ था और वो ATM Guard का सर अपने हाथ में लिए हुए खड़ी थी और वह जितेंद्र की ओर घूर घूर करके देख रही थी।
यह सब देख करके जितेंद्र का दिल बेतहाशा तेजी से धड़कने लगा। उन्होंने वहां से नजरें हटा ली और सोचा कि हो सकता है कि ये उनका भ्रम हो। वो ये सब सोच ही रहे थे कि तभी अचानक उनके सीनियर का फोन बज उठा।
वह फोन वहां का फाल्ट जल्दी ठीक करने के लिए था। कांपते कांपते जितेंद्र फिर से काम पर लग गए। थोड़ी ही देर में उन्होंने ATM Machine ठीक कर ली। इस बार ATM बूथ के बाहर देखने पर सब नार्मल लग रहा था।
वह लड़की भी वहां खड़ी थी और ATM बूथ का गार्ड भी उसके आस पास आराम से खड़ा था। जितेंद्र ने सोचा कि पहले जो भी देखा होगा वह सब उसका भ्रम ही होगा। वह काम निपटा कर सीधा अपनी Bike की ओर दौड़ा और जाने से पहले उसने एक बार फिर एटीएम बूथ पर नजर डाली।
तब एक बार फिर से उसका दिल दहल गया। एक बार फिर बाहर खड़ी लड़की ATM Guard का सर अपने हाथ में लिए हुए खड़ी थी। इस भयानक नजारे को देखकर जितेंद्र बुरी तरह डर गए और वहां से भाग निकलते हैं।
वापस लौटते वक्त भी उन्हें बार बार यह आभास हो रहा था कि उनकी बाइक के साथ कोई न कोई तो चल रहा है। वे घबराए हुए Bike चलाए जा रहे थे। न जाने कैसे अचानक ही उनकी Bike बंद हो गई और ठीक एक बरगद के पेड़ के पास जाकर के रूकी।
जितेंद्र को यकीन नहीं हो रहा था कि उनके साथ ये सब सचमुच में हो रहा है। उन्होंने नजर उठाई तो बरगद की शाखा से झूलती हुई एक आकृति उन्हें नजर आई। उसके हाथ में एक आदमी का सिर था और वो अजीब घरघराहट भरी आवाज में कुछ बोल रही थी।
जितेंद्र ये सब देखकर वहीं जम गए। न उनकी चीख निकल रही थी न ही उनके अंदर हिलने की ताकत बची थी। अब तो आलम यह हो चुका था कि वह चुड़ैल पेड़ से नीचे उतर रही थी, वह भी उल्टे पांव, उसके उल्टे पैर देखकर जितेंद्र की हालत बद से बदतर होती जा रही थी।
उन्होंने आँखें बंद कर ली और भगवान को याद करने लगे। चुड़ैल उनके बगल में आ करके बैठ जाती है और उनका सर सहलाने लगती है। इसके बाद जितेंद्र की हालत का अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
सामान्यतया तो इंसान इस हालत में शायद Heart Attack से ही मर जाएगा। लेकिन जितेंद्र जी उस समय लगभग बेहोशी की अवस्था में चले गए थे। करीब दो घंटे बाद जब उन्हें होश आया तो उन्होंने देखा कि उनके सर पर बाल ही नहीं थे।
उन्हें अपनी हालत देख करके खुद पर तरस आ रहा था और डर भी विकराल रूप से लग रहा था। अब तो रात बहुत ज्यादा हो चुकी थी। उन्होंने दुबारा से गाड़ी को स्टार्ट किया लेकिन गाड़ी स्टार्ट होने का नाम ही नहीं ले रही थी। बस उन्हें सुकून इतना था कि वो अभी तक जिंदा थे।
लेकिन जैसे ही बाइक स्टार्ट हुई और उन्होंने बाइक को आगे बढ़ाया वैसे उन्हें साफ साफ महसूस हुआ कि कोई पीछे उनकी गाड़ी पर बैठा है कोई दिख तो नहीं रहा था लेकिन उन्हें दुबारा से साफ साफ अहसास हुआ की किसी ने उनके कंधे पर हाथ रखा हैं,
वो वही पर हड़बड़ाकर ही गिर पड़े और वही पर बेहोश हो गये और उन्हें जब होश आया, तो वे एक Hospital पर थे, कुछ स्थानीय लोगो ने उन्हें बेहोश पड़ा देखकर Hospital पहुंचा दिया था, इस घटना के कई महीने बाद तक जितेन्द्र हॉस्पिटल में रहे,
उन्हें होश नहीं आया, उन्हें कई महीने तक होश नही आया, कई महीनो बाद जाकर के उन्हें होश आया, इसके बाद धीरे धीरे करके वह सामान्य हो गये, लेकिन जिस दिन वे हॉस्पिटल को छोड़े, उसके बाद उस जगह को छोड़ दिया और दुसरे जगह आकर के बस गये,
डर इतनी बुरी चीज होती हैं की जो इंसान को बर्बाद करने में वक्त भी नही लगाती, उन्होंने बाद में ये पता करने की कोशिश भी नही की आखिर उनके साथ ऐसा क्यों हुआ और आखिरकार वो चुड़ैल कौन थी,
लेकिन इन चार पांच दिनों में उनके भाई को कुछ ऐसी चीजे पता चली जो उनके भाई को भी डराने के लिए काफी थे, उन्हें पता चला की जीतेन्द्र एक लड़की से प्यार करते थे चूँकि जीतेन्द्र शादी शुदा थे इसलिए उन्होंने उस लड़की को धोखा दे दिया,
वह लड़की यह सहन नहीं कर पाई और उसी पेड़ के नीचे अपनी जान दे दी थी, जीतेन्द्र तो यह जान भी नही पा रहा था क्योंकि जिस दिन उसने उस लड़की को छोड़ा था, उसके बाद से उन्होंने पलट कर के कभी जानकारी लेने की कोशिश ही नहीं की,
लोग कहते हैं ये वहीं लड़की हैं जो उस बरगद के पेड़ के पास रहती हैं, जो कोई भी उस रास्ते से गुजरता हैं कभी कभी उसे असामान्य घटना का सामना करना पड़ जाता हैं, चूँकि जीतेन्द्र पहली बार उस रास्ते से गुजरे थे इसलिए उनके साथ भी घट गई
लेकिन शायद उसने जीतेन्द्र को मारा नहीं हो सकता हैं प्यार अभी भी बाकि हैं लेकिन ऐसा करना हरदम गलत हैं, उनके भाई बाद में ये सारी बाते जीतेन्द्र को बताई, जीतेन्द्र बहुत पछतावा हुआ
लेकिन दोस्तों गलती करने के बाद पछताने का कोई मतलब नहीं हैं, इसलिए दोस्तों इस तरीके की गलती जिन्दगी में कभी मत करियेगा और नाही कभी किसी को करने दीजियेगा क्योंकि हर एक इंसान अपने में बहुमूल्य होता हैं |
तो दोस्तों उम्मीद करता हु आप लोगो को भूतों की 3 सच्ची कहानी | The Real Ghost Stories in Hindi अच्छी लगी होगी, तो चलिए अब भूतों की 3 सच्ची कहानी | The Real Ghost Stories in Hindi में आगे की कहानी पढ़ते हैं |
2. तंत्र मंत्र, भूत प्रेत, काला जादू की कहानी
दोस्तो चलिए अब भूतों की 3 सच्ची कहानी | The Real Ghost Stories in Hindi में से आगे की कहानी शुरू करते हैं । तो दोस्तों अब भूतों की 3 सच्ची कहानी | The Real Ghost Stories in Hindi को पढ़ते हैं |
ये कहानी राजीव शर्मा की है, जो UP में रहते थे, राजीव शर्मा जिनका परिवार आधुनिक विचारधाराओं को मानने वाला परिवार था, उन्हें तंत्र मंत्र, भूत प्रेत, काला जादू, टोटके से कोई मतलब या कोई वास्ता नहीं था।
इस कहानी में घटी हुई घटनाएं अक्सर आम लोगों के साथ घट ही जाती हैं, लेकिन उन्हें अंदाजा तक नहीं होता कि उनके साथ होने वाले कष्ट के पीछे का कारण वास्तव में क्या है। चलिए ये कहानी मैं उन्हीं के जैसे आज आपको बताने जा रहा हूं। ( The Real Ghost Stories in Hindi )
मेरा परिवार शिक्षित और आधुनिक विचारधारा वाला है, हममें से कोई भी भूत प्रेत, जादू टोने और तंत्र विद्या जैसी बातों पर विश्वास नहीं करता है। लेकिन एक अजीब सी घटना के बाद हम सभी इस बात पर यकीन करने लगे कि जैसे सच के साथ झूठ और अच्छे के साथ बुरा हमेशा रहता है,
वैसे ही उस परमशक्ति का उस परमात्मा की शक्ति के साथ साथ कुछ बुरी ताकतें भी इस दुनिया में जरूर मौजूद हैं। कहते हैं कि अगर माइनस ना हो तो प्लस का कोई अस्तित्व नहीं होगा, इसी तरीके से शायद बुराइयां न हों तो अच्छाइयों की कोई कीमत न रह जाए।
इस घटना ने मेरे पिता को मानसिक रूप से बीमार बना दिया। वर्ष 1990 से 1994 के बीच की बात है, हमने एक प्लाट खरीदा था और जल्द ही उस पर अपना घर बनाने का काम शुरू कर दिया था। निर्माण का काम अभी शुरू हुए
कुछ ही दिन गुजरे थे कि एक आदमी उस प्लाट पर आता है। देखने में वो थोड़ा सा विचित्र लगता है, तो मेरी मां जो वहां पर बैठी हुई थी, उसने उनसे पूछा कि आखिरकार क्या काम है? और आप कौन हैं?
तो वो आदमी थोड़ा सा अजीब आवाज में झुंझलाते हुए कहता है कि तुम लोगों ने मेरे साथ सही नहीं किया है यह फ्लैट मुझे चाहिए था। अपने बड़े बेटे के लिए।(The Real Ghost Stories in Hindi)
तभी मेरी मां ने उससे कहा कि अगर चाहिए था तो आप कोई इसे खरीद लेना चाहिए था। आपने इसे खरीदा क्यों नहीं। उस आदमी ने कोई जवाब नहीं दिया। बस इतना कहा कि मेरे खरीदने से पहले ही तुम लोगों ने खरीद लिया और ये तुम लोगों की सबसे बड़ी गलती है,
तो मेरी मां ने कहा कि अगर आपको चाहिए और आपको इतनी ही आवश्यकता है तो आप इसे हमसे खरीद लीजिए। हम दूसरा ले लेंगे चूंकि मेरी मां उसकी भावना को समझ रही थीं इसलिए उसकी भावनाओं के कद्र रखते हुए उन्होंने उससे कहा कि अभी भी आप इसे खरीद सकते हैं,
लेकिन वो आदमी झुंझलाते हुए बोला कि अब बहुत देर हो चुकी है। चूंकि ये प्लाट अब तुम लोग हमें जितने में खरीदे हो उससे कम में तो दोगे नहीं और मैं इस प्लाट को औने पौने दाम में खरीदने वाला था मेरी मां को कुछ समझ में नहीं आया और उन्होंने उससे कहा कि ठीक हैं अब आप जाइए,
अब हमें इसे बेचना नहीं है और आपको इसे खरीदना नहीं है। वो आदमी वहां से बुरी तरीके से गुस्साता हुआ चला गया लेकिन जाते जाते वह पता नहीं क्या बड़बड़ा रहा था। लेकिन उसकी आवाज बड़ी ही विचित्र लग रही थी। धीरे धीरे समय बीतता गया और घर बन कर के खड़ा हो गया।
अभी पूरी तरीके से घर तैयार नहीं हुआ था प्लास्टर भी नहीं था लेकिन हम उसमें शिफ्ट हो गए और शिफ्ट होते ही शुरू होता है एक ऐसा मायाजाल जिसे हमें समझने में शायद बहुत देर हो गई। उस दिन के बाद हमें अक्सर अपने घर के बाहर कुछ जंगली फूल और खून के छीटे दिखाई देते थे।
जैसा कि मैंने आप लोगों को बताया था कि मैं या मेरे परिवार वाले काले जादू या ऐसी किसी भी बात पर विश्वास नहीं करते थे इसलिए हर बार हम इन चीजों को नजरअंदाज कर दिया करते थे। वर्तमान 1993 की बात है,
एक रात करीब एक बजे हमें ऐसा लगा कि जैसे हमारे घर की छत पर कोई लगातार पत्थर फेंक रहा है। चार पांच बार ऐसा हुआ जैसे कोई बहुत भारी मात्रा में हमारी छत पर पत्थर बरसा रहा हो। हम उठे और छत पर गए तो हमने चारों तरफ देखा।
हमें कोई दिखाई नहीं दिया लेकिन हमारे छत पर पत्थर पड़े हुए थे। सुबह हमें पता चला कि यह सब शायद हमारे पड़ोसी का काम होगा और इसलिए हम लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी।( The Real Ghost Stories in Hindi )
लेकिन उसके खिलाफ कोई सबूत न होने के कारण और कोई भी गवाही न होने के कारण वह जल्द ही हवालात से बाहर आ गया और आने पर वह शायद हम लोगों से ज्यादा ही चिढ़ गया था। एक ही रात बीती थी कि अगली रात मेरे पिता के पेट में बहुत तेज दर्द उठने लगा।
जब उनसे दर्द सहन नहीं हुआ तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। डॉक्टर ने उन्हें मामूली उपचार करके और कुछ पेनकिलर देकर के वापस भेज दिया लेकिन उन्होंने हमें बताया कि शायद यह पेट की किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। ( The Real Ghost Stories in Hindi )
हम घर तो आ गए लेकिन अगले ही दिन मेरे पिता के पेट में वही दर्द शुरू हुआ और उन्हें फिर अस्पताल ले जाया गया। इससे पहले उन्हें कभी ऐसी परेशानी नहीं हुई थी इसलिए हमने सोचा कि किसी और डॉक्टर को दिखाया जाए और उन्हें एक बड़े अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
वहां पर उनके बहुत सारे टेस्ट हुए और उसके बाद यह बात सामने आई कि उन्हें पथरी हो गई है। वो भी इस लेवल की पहुंच गई थी कि बिना आपरेशन के कोई उपाय नहीं था। आननफानन में उनका ऑपरेशन करवाया गया लेकिन अस्पताल से घर आने के बाद भी उनकी सेहत बहुत खराब रही।
वह कुछ भी खा पी नहीं पा रहे थे, जिसकी वजह से वह दिनोंदिन कमजोर पड़ते जा रहे थे। अब तो हालत ये हो चुकी थी कि मेरे पिता को रोज रात बहुत बुरे सपने आते थे। उन्हें हर बार ऐसा लगता कि कोई उन्हें मारने की कोशिश कर रहा है। कोई उनका गला दबा रहा है
वो उठकर बैठ जाते और चीखने चिल्लाने लगते। दो चार दिन बीता ही था कि उनकी हालात और भी बुरी हो गई। अब वह रात में चिल्लाते हुए उठते और दीवारों पर सर लड़ाने लगते। उन्हें पकड़ पकड़कर लिटाया जाता। कभी कभी वह हवा में ही किसी से बात करने लगते,
और जब हम पूछते तो वो कह देंते कि देखो देखो वो सामने खड़ा लेकिन हमें कुछ नजर नहीं आता। अभी ये हमारे साथ हो ही रहा था कि एक रात करीब 2 बजे मेरी मां ने घर के बाहर से किसी के रोने की आवाजें सुनी और वह बाहर गईं तो कोने में उन्हें कोई रोता हुआ दिखाई दिया।
अबकी बार शायद उन्हें भी बहुत डर लगा था। हुआ कुछ कदम और आगे बढ़ी तो उनको घर के बाहर वही खून के छींटे और जंगली पौधे भी दिखाई दिए। उन्होंने हिम्मत बांधी और उस रोने वाले इंसान की तरह बढ़ने लगे। लेकिन जैसे ही वो वहां पर पहुंचीं तो उनके चौंकने का ठिकाना नहीं था
क्योंकि वहां पहुँचते ही उनकी नज़र से जैसे वो इंसान ओझल हो गया। वहां पर कोई नहीं था। बस उन्हें आवाजें ही सुनाई दे रही थीं। वह भागती हुई घर के अंदर आईं और अब यह सिलसिला लगभग हर रात चलने लगा।
अब मेरी मां ने अपनी एक सहेली को इस बारे में बताया वह मेरी मां को एक तांत्रिक के पास ले गए। तांत्रिक ने अपनी तंत्र साधना से यह बताया कि कोई है जो हमारे घर को अपनी काली विद्या से बांधे हुए है। ( The Real Ghost Stories in Hindi )
तांत्रिक ने तंत्र विद्या के द्वारा मेरे पिता को सम्मोहित किया और उनके साथ जब उस देर पूजा की तो उन्होंने बताया कि इनके साथ कोई बहुत बुरा कर रहा है जिसकी वजह से जल्दी ही इनकी मौत भी हो सकती है।
उन्होंने यह भी बताया कि पूरा का पूरा घर प्रेत आत्माओं से घिरा हुआ है और वह भी किसी के काला जादू करने के कारण हुआ है। उनके लगातार पूजा करने के बाद हमें यह भी पता चला कि यह सब उसी व्यक्ति ने किया है जो हमारा प्लाट लेना चाहता था। ( The Real Ghost Stories in Hindi )
उसकी नीयत ही खराब थी क्योंकि वो उस जमीन को अपने काले जादू के दम पर उल्टे सीधे दामों में लेना चाहता था। लेकिन शायद हमारी किस्मत भी खराब थी कि हमने उस जमीन को उससे पहले खरीद लिया और यह बात शायद उसे बहुत बुरी लगी थी। अब हम बहुत बुरा फंस चुके थे।
एक सप्ताह तक वह बाबा रोज रात को हमारे घर आते और साधना करते। बहुत ही मुश्किल से हमें उन सभी काली शक्तियों से छुटकारा मिला और उसके बाद से हमने उस घर को ही छोड़ दिया क्योंकि उन काली शक्तियों से छुटकारा मिलने के बाद भी हमें अजीबो गरीबो अहसास होने लगे थे,
तो हमने उस घर को छोड़ना ही उचित समझा और वह वहां से दूर दूसरे घर में रहते हैं। अब हमारा परिवार सकुशल और ख़ुश हैं |
तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ आप लोगो को भूतों की 3 सच्ची कहानी | The Real Ghost Stories in Hindi की ये तंत्र मंत्र, भूत प्रेत, काला जादू की कहानी अच्छी लगी | तो चलिए अब भूतों की 3 सच्ची कहानी | The Real Ghost Stories in Hindi में आगे की तरफ बढ़ते हैं |
3. एक खतरनाक भूतिया रास्ता
दोस्तों चलिए भूतों की 3 सच्ची कहानी | The Real Ghost Stories in Hindi, की एक खतरनाक भूतिया रास्ता की शुरुआत करते हैं | दोस्तों ये कहानी मेरे दोस्त प्रवीण ने शेयर किया था, जो एक Software Company में काम करते थे |
दोस्तो ये कहानी तो छोटी हैं लेकिन एक सत्य घटना पर आधारित है शायद छोटी होने के बावजूद भी ऐसी घटनाएं लोगों के साथ आम होती रहती हैं। मतलब लोगों के साथ ऐसी घटनाएं आमतौर पर घटती रहती हैं।
चलिए शुरू करते हैं वह The Real Ghost Stories in Hindi, की एक खतरनाक भूतिया रास्ता |
मुझे आज भी याद है मुझे लगता था कि उस रास्ते से जाना ठीक होगा लेकिन ऐसा नहीं था क्योंकि वो रास्ता जाने लायक ही नहीं था। चूंकि उस जगह पर मैं अनजान था, नया नया वहां गया हुआ था और लोग उस रास्ते से बहुत कम ही गुजरते थे लेकिन मैं उस रास्ते से गुजरा।
मैं उस वक्त कार से अपने कमरे की तरफ आ रहा था, तभी अचानक ही कार रुक जाती है। यह बात मेरे समझ में नहीं आती कि आखिरकार कार रास्ते में क्यों रुक गई। कुछ कुछ बूंदे भी गिरने लगी थीं। अब लगता था कि बारिश भी होने वाली है। इस वक्त कार का खराब होना ठीक नहीं था।
मैंने कोशिश की पर जब कार ठीक नहीं हुई तो मैंने अंदर बैठना ही ठीक समझा और कुछ देर बाद कार स्टार्ट हो जाती है। यह बहुत ही खुशी की बात थी क्योंकि अब घर समय से मैं पहुंच सकता था। कुछ दूरी तक चलने पर मुझे एक आदमी दिखाई देता है जो कि मुझसे लिफ्ट मांग रहा था।
देखने में बहुत बूढ़ा लग रहा था। मौसम भी खराब लग रहा था। इसलिए सोचा कि उस आदमी को परेशानी हो सकती है और मैंने कार को रोक दिया। मैंने जैसे ही कार को रोका वह कहने लगा कि उसे कोई भी सवारी नहीं मिल रही है इसलिए वह मदद मांग रहा है
तो उसकी बात पर मैंने कहा कि कोई बात नहीं है आप बैठ जाइए। कुछ समय बाद ही वह कार में बैठ चुका था और उसके बाद मैं उससे बातें करते हुए आगे धीरे धीरे बढ़ने लगा। बाहर बारिश बहुत तेज हो रही थी। रास्ते भी सूनसान थे कोई दिख नहीं रहा था। ( The Real Ghost Stories in Hindi )
मौसम भी बहुत अच्छा नहीं लग रहा था। कार भी उस बारिश में बहुत धीरे और बहुत मुश्किल से चल रही थी। वह आदमी कुछ समय बाद ही कहता है कि बस कार यही रोक दो मुझे यहीं जाना है। जब मैंने कार रोक करके शीशा खोल कर करके देखा तो उस जगह पर कुछ नहीं था।
पूरा वीरान और सुनसान इलाका था तो मैंने उस आदमी से पूछा कि आप यहां पर कहां रहते हैं तो उसने कहा कि मैं कहीं नहीं रहता हूं बस मुझे यहीं जाना है। यह बात सुनकर मुझे अजीब सा लग रहा था कि न यहां पर कोई जगार है न ही कोई छत है या आखिरकार यहां कहां जाएगा।
बाहर बारिश भी हो रही थी। बिजली भी चमक रही थी। मौसम वैसे भी बड़ा डरावना था इसलिए मैंने दुबारा उस आदमी से कहा कि कुछ देर रुके रहिए थोड़ा मौसम शांत हो जाए तब चले जाइएगा। लेकिन जैसे ही मैंने ये बोलकर के पलटकर के देखा तो वो आदमी मेरे गाड़ी में नहीं था
वह गायब हो चुका था। मैंने दाएं बाएं उतर करके भीगते हुए देखा। लेकिन आसपास मुझे वो कहीं नहीं नज़र आया। मुझे बड़ा ही आश्चर्य हुआ और डर भी लगा। सच्चाई तो यह थी कि वह कोई इंसान नहीं एक आत्मा थी जो मेरे गाड़ी में बैठी हुई थी।
मैं वहां से बहुत बुरी तरीके से भागा और दुबारा उस रास्ते पर मैं कभी नहीं गया। बाद में मुझे पता चला कि उस रास्ते पर वो आत्मा अक्सर लोगों को मिल जाती है और नेक दिल इंसान को छोड़ कर के बुरे इंसानों का बुरा हाल भी करती है।
तो दोस्तों ये थी भूतों की 3 सच्ची कहानी | The Real Ghost Stories in Hindi, यह कहानी कैसी लगी हमे कमेंट करके जरुर बताये और साथ ही The Real Ghost Stories in Hindi को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे |