Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi, कृपया इसे कमजोर दिल वाले ना पढ़े, जिसके अंदर दम हैं वही पढ़े, क्योंकि इसे पढ़ने के बाद आप लोगो की रूह काँप उठेगी, आज मैं आप लोगो को भूतो की दुनिया में ले जाऊँगा जो आप लोगो के होश उड़ा देंगे |
तो दोस्तो कैसे हैं आप सब, मैंने देखा कि आप हमें कहानियों पर बहुत प्यार दे रहे हैं, तो मैंने भी सोचा क्यों ना मैं भी आप लोगों के लिए वो किस्से कहानियां निकाल कर लाऊ, जिनमें हमें डर के साथ साथ ये भी पता चले कि हम डरावने समस्याओं को खुद से न्योता तो नहीं दे रहे
क्योंकि आज के दौर में पहले के मुताबिक किसी भी प्रकार की घटना या फिर कुछ ऐसा होना जिसे मानना बेहद मुश्किल होता है, पर जो हो चुका है उसे आपके साथ शेयर करने का मेरा तो फर्ज है ( Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi ) |
आज मैं आपको एक या दो नहीं बल्कि तीन कहानियों से रूबरू कराऊंगा, पर दोस्तो याद रहे ये सब कहानियां कहने को तो सच्ची हैं, पर हमारा मकसद किसी भी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा देना बिल्कुल भी नहीं है, हमारा मकसद बस आप लोगों से जुड़ना है |
तो चलिए दोस्तों Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi की शुरुआत करते हैं और इस कहानी को पढ़ने के साथ साथ डर का मजा भी लेते, आज मैं आप लोगो को India की Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi बताऊंगा |
तो अगर आप पहली बार ये कहानियां सुन रहे हो तो हमारे Website के साथ जुड़े रहे और आगे आने वाली कहानियों के लिए थोड़ा इंतजार करें तो दोस्तों Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi, कहानियों को पूरा अंत तक अच्छे से पढ़े ।
Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi
तो दोस्तो Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi में से पहली कहानी की शुरुआत करते हैं जो मेरे एक Client ने मुझे भेजी है। इसमें उन्होंने खुद की हिम्मत और ताकत का उपयोग करके ये साबित करके दिखाया है कि जो ज्यादा डरते हैं अक्सर वही मरते हैं |
और जो उनसे लड़ते हैं वो आगे की ओर बढ़ते हैं, तो चलिए दोस्तों Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi की पहली कहानी शुरू करते हैं |
1. खुद के अंदर के डर को मारो
दोस्तो मैं Hyderabad से हूं और मेरे साथ ये घटना तब हुआ था जब मैं 19 साल का था और मेरा नाम साहिल है, एक दफा की बात है मैं और मेरा दोस्त जिसका नाम विनय है, वो एक पार्क में बैठे हुए थे। उस समय तकरीबन 9 बज रहे थे।
सब लोग धीरे-धीरे घर की ओर जा रहे थे मैं और मेरे दो दोस्त बाहर कुछ खाना खा रहे थे, हमने सोचा थोड़ा घूम लेते हैं। हम दोनों आराम से घूमने लगे तो हम एक पुराने दरख्त के पास जाकर रुके और मैंने अपने दोस्त से कहा कि मैं एक गाना लगाता हूं कि तभी नमाज होने लगी,
तो मैंने गाना रोक दिया और नमाज खत्म होते ही दोस्त ने कहा कि अब गाना लगाओ। पर जैसे ही मैं गाना लगाने वाला था तो पीछे दरख्त से एक आवाज आई। तो मैंने सोचा कि कोई परिंदा या जानवर होगा, दरख्त हमसे से दो फुट की दूरी पर था |
और मैंने जब मुड़कर देखा तो दरख्त की एक शाखा के पास एक शख्स बिलकुल काला करीबन पांच फुट लंबा खड़ा था अंधेरा इतना था कि उसकी लाल रंग की आँखे साफ चमक रही थी और उसका ना मुंह था ना नाक और ना कान। मैंने डर के मारे जैसी अपने दोस्त विनय की तरफ देखा |
तो वो मुझसे पहले ही पार्क के दरमियान में जा चुका था। शायद उसने मुझसे पहले उसे देख लिया था। हम दोनों तेजी से भागकर पार्क के बाहर आकर अपनी Bike Start करके सीधा अपने दोस्त के पास जा पहुंचे। मैंने जैन की तरफ देखा तो डर के मारे उसके आंसू निकल रहे थे।
फिर मैंने जैन से कहा कि तू मेरी एक फोटो खींच ले। कैमरे में भूत नजर आ जाते हैं, मगर कैमरे में कुछ भी नहीं आया। इसके बाद हम चारों ने पार्क के अंदर जाकर देखा मगर वहां कुछ नहीं मिला और फिर हम घर चले गए।
चंद दिनों के बाद मैं एक टूर पर बर्फ़बारी देखने चला गया और जब मैं वापस आया तो मैं चलते चलते College के पास चला गया | College से मेरा घर दो किलोमीटर की दूरी पर था और उस समय तकरीबन रात के बारह बज चुके थे। मैं अकेला रोड पर चल रहा था |
तकरीबन एक किलोमीटर गुजरने के बाद कब्रिस्तान आया तो मैं घबरा गया और जब मैं कब्रिस्तान के करीब से गुजरा तो मुझे डर लगने लगा और मेरा दिमाग काम करना बंद कर चुका था। पर जैसे तैसे मैं अंधेरे से होता हुआ घर पहुंच गया और मैं सो गया।
तकरीबन तीन बजे के करीब मुझे लगा कि मुझे हिला नहीं जा रहा है और न कुछ बोला जा रहा है। बस देख पा रहा था मुझे लगा शायद मुझे स्लीप पैरालिसिस हो गया है पर कुछ ही सेकेंड बाद मेरी छत से एक बहुत ही खौफनाक शख्स जिसका रंग काला और सर पर दो बड़े बड़े सींग थे |
वो किसी शैतान जैसा लग रहा था। वो मेरी छाती पर आकर बैठ गया और मेरा गला दबाने लगा। मैंने मन में कहा कि मैं आज मर जाऊंगा मैं खुदा का नाम लेने लगा क्योंकि न मुझसे बोला जा रहा था और न मैं हिल पा रहा था।
फिर अचानक मैं हँसने लगा मैं मुस्कराना नहीं चाहता था मगर फिर भी खुद ब खुद मेरे मुंह से हंसी निकल रही थी और थोड़ी देर बाद खुदा का नाम लेने से मेरी आंख से आंसू निकल पड़े तो वो ये कहकर गायब हो गया कि तू बच गया वरना आज तू मारा जाता |
और मैं जैसे ही ठीक हुआ तो मैंने पूरे घर में सबको तलाश किया मगर सब लोग थर्ड फ्लोर पर सो रहे थे और मैं सबसे नीचे वाले कमरे में अकेला सोया था, मैं डर के साथ जब वापस अपने कमरे में नीचे आया तो मैंने बैड के नीचे एक बच्चे के हंसने की आवाज सुनी।
मैं डर से बेहोश होने वाला ही था की मैंने खुद को कंट्रोल करते हुए बेड के नीचे देखा तो एक हरे रंग का बच्चा एक अजीब खौफनाक आवाज में बोला तेरी किस्मत बहुत अच्छी है जो तू झूठ नही बोलता इसलिए हमसे बच गया |
जब हम तुम्हे मारने लगते हैं तो हमे एक रोशनी आके रोक देती हैं वरना हम तुम्हे बड़ी मौत देते, मैं बेहोश हो गया लेकिन बेहोशी में मेरे कानों में एक आवाज आई कि ये सब तेरे पीछे इसलिए हैं क्योंकि तू इनके वजूद पर हंसता है।
इनसे बचने का एक ही तरीका है तू अपने गुस्से को बाहर निकाल और खुदा का नाम लेकर उसका सामना कर। अगले दिन जब मैं सोया तो मैंने एक बार फिर से खुद को बेजान पाया। मगर मुझे वो ख्वाब वाली बात याद आ गई और मैं दिल में खुदा का नाम लेकर गुस्से में आ गया।
मगर घबराया हुआ था और अचानक बिना जिस्म के एक औरत का सर जिसके लंबे बाल थे बहुत तेजी से मेरे सामने आ गई। मेरी जगह कोई और होता तो शायद मर जाता मगर मेरी किस्मत अच्छी थी। मैंने ऊपरवाले का नाम लेकर खुद को गुस्से में रखा और फिर अचानक मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। और सब पहले जैसा नार्मल हो गया |
इन चीजों से डरना बंद हो गया और मुझे इसका तोड़ भी मिल गया। तो दोस्तो देखा आपने अगर आपके अंदर निडरता हो तो आपको किसी की सहायता लेने की जरूरत नहीं और ऊपरवाला सदैव आपके साथ होता है।
मैंने पहले भी कई कहानियों में यह बताया है कि जहां बुराई होती है अच्छाई भी वहीं होती है, तो दोस्तों Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi की पहली कहानी “खुद के अंदर के डर को मारो ( Best Horror Stories in Hindi )” कैसी लगी हमे कमेंट करके बताये |
तो चलिए दोस्तों Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi में से दूसरी कहानी की शुरुआत करते हैं
दोस्तों इस कहानी को मेरे दोस्तों अनिल ने मुझे शेयर किया था, तो चलिए इस कहानी को मेरे यानि अनिल के द्वारा पढ़ते हैं, ( Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi )
प्रेत का साया
दोस्तो एक बार की बात है मैं शहर में रहता था। मेरी उम्र उस वक्त करीबन 14 वर्ष की थी। हमारा पूरा परिवार शहर से गांव की ओर निकल पड़ा। मैंने पिताजी से पूछा कि हम अचानक गांव क्यों जा रहे हैं तो उन्होंने बताया कि गांव में पूजा है इसलिए हम सबका वहां जाना बहुत जरूरी है।
मैंने भी कुछ और ना पूछते हुए चुपचाप बैठा रहा और मेरी आंख लग गई और जब मेरी आंख खुली तो हम सब अपने गांव पहुंच चुके थे। ठंडी हवाएं और ताजगी से मानो पूरा शरीर एकदम स्वस्थ लग रहा था।
हम सब गाड़ी से उतरकर अपने घर चले गए। पूरा दिन मेरा बड़ा मजे से गुजरा। शाम को खाना खाने के बाद मैं हाथ धोने बाहर की तरफ आया। हर तरफ सिर्फ अंधेरा ही था, दूर दूर तक कोई नहीं दिख रहा था। बस लोगों के घरों के बाहर एक बत्ती जल रही थी और बाकी हर तरफ अंधेरा था।
तभी मैंने देखा कि जंगल में दूर एक जगह आग जल रही है। मैं देख कर चौंक गया और मुझे लगा ऐसे तो पूरा जंगल जल जाएगा। मैं भागकर अंदर गया और मैंने ये बात जब सबको बताई तो ऐसा लगा मानो जैसे किसी को कोई फर्क ही ना पड़ा हो जैसे जंगल में आग लगना बड़ा ही नॉर्मल बात हो।
तभी थोड़ी देर बाद मुझे दादी ने बताया कि बेटा उसे भूत का उठना कहते हैं। सच मानो तो मैं हंस पड़ा तो दादी ने कहा कि हंसो मत सो जाओ, बार-बार उधर नहीं देखना वरना वो तुम्हारे पास आ जाएगा। मैं हंसता हुआ चुपचाप सो गया। (Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi)
अगले दिन गांव में पूजा थी। पर मैं उस पूजा में नहीं गया मैं चुपचाप खिड़की के पास जाकर बैठ गया। मेरे साथ गांव के दो बच्चे और थे। हम आराम से बातें कर रहे थे कि तभी मेरी नजर खिड़की से बाहर की ओर जंगल पर पड़ी। ठीक कल की तरह वहां फिर से आग जल रही थी।
मैंने अपने दोस्तों को कहा कि जंगल में रोज आग कौन लगाता है तो उन दोनों ने वहीं दादी वाली बात बोली कि वहां भूत होते हैं। यहां सब कहते हैं कि भूत उठ रहा होता है। मैंने तभी अचानक से कहा कि आओ चलो देखकर आते हैं घर पर कोई नहीं है, चलो चलते हैं | वह दोनों ने मना कर दिया |
तो मैंने गुस्से में आकर उन्हें अपने घर जाने को कहा तो उन्होंने कहा कि ठीक है हम चलेंगे पर हम दूर से देखकर वापस आ जाएंगे। मैंने कहा ठीक है पहले चलो तो सही। (Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi)
हम तीनों जंगल की ओर भागे जहां वो आग जल रही थी। हम भागते भागते वहां पहुंचे तो वहां ऐसा कुछ भी नहीं था और मेरे दोस्त वहीं रुके और कहने लगे कि अब हम आगे नहीं जाएंगे, पर मैं धीरे-धीरे आगे की ओर बढ़ने लगा। चारों तरफ देखा पर आग कहीं नहीं थी |
और जैसे ही मैं घर जाने को मुड़ा तो मेरे दोस्त मुझे देखकर बड़ी ही तेजी से भागे और मेरे भी कानों में आग जलने की आवाज साफ साफ आ रही थी। मैं जैसे ही मुड़ा तो पीछे कुछ नहीं था कि तभी अचानक एक जोर से हवा का झोंका आया और मुझे ऐसा लगा मानो जैसे मेरे शरीर के आर पार हो गया हो।
उसके बाद मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरे कंधे पर किसी ने 10 किलो का भारी बैग रख दिया हो। अब मैं डर रहा था, मैं पूरी ताकत से वहां से भागा। भागते भागते मुझे ऐसा अहसास हुआ जैसे मैं थक नहीं रहा था और भागने की रफ्तार लगातार बढ़ रही थी | (Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi)
और मैं बहुत ही कम समय में अपने घर पहुंच गया। मैं जल्दी से जाकर बैड पर बैठ गया। मेरा सिर भी भारी हो रहा था। मुझे अजीब सी घबराहट हो रही थी। मेरे दोनों दोस्त भी अंदर आकर बोलने लगे कि तेरी दोनों आंखें लाल क्यों हैं तू सो जा और अचानक मुझे पता नहीं क्या हुआ।
मैंने तेजी से चिल्लाकर दोनों को भगा दिया और मेरे सिर में दर्द तेज होने लगा। मैंने सोने की कोशिश की पर नींद नहीं आ रही थी। एक घंटे में ही मेरे दादाजी वहां आ गए। उन्होंने मुझे देखा तो पता नहीं वो मुझे देखकर गुस्सा हो गए और पूछने लगे कि कहां गया था।
मैं कुछ बोल नहीं पा रहा था तो मेरे दोस्तों ने दादाजी को पूरी बात बताई। दादाजी ने मंदिर में से कुछ धूप की राख उठाकर मेरे माथे पर लगा कर कुछ मंत्र पढ़े और मंत्र के खत्म होते ही वह जोर से मेरी ओर चिल्लाए मेरे शरीर पर एक झटका सा लगा |
और दादाजी ने वो हाथ पर बची राख को फूंक मारकर बाहर फेंक दिया। इसके बाद मुझे दादाजी ने बताया कि ऐसे जंगलों में नहीं जाना चाहिए। कभी कभी कुछ हवा या साया हमारे साथ घर पर आ जाता है और उन्होंने ये भी बताया कि (Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi)
अगर दादाजी सही समय पर नहीं आते तो वो हमारे घर पर भी जगह बना लेता है और फिर वो आसानी से जाता नहीं ।
तो दोस्तों ये थी “प्रेत का साया | Haunted Story in Hindi” कहानी Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi में से |
उम्मीद करता हूँ दोस्तों आप लोगो को Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi की ये कहानी अच्छी लगी होगी |
चलिए दोस्तों Top 3 Indian Best Ghost Stories in Hindi में से तीसरी कहानी की शुरुआत करते हैं ।
छोटी सी भूतिया कहानी
दोस्तो एक बार की बात है महेश अपने मामा के घर गया हुआ था। दरअसल वहां महेश की बुआ की शादी थी और वैसे भी महेश अक्सर वहां जाता रहता था, पर हर बार वो एक ही बात-बार बार पूछता था कि ऊपर छत का कमरा हमेशा बंद क्यों रहता है।
तो जवाब में उसे एक ही बात सुनने को मिलती कि वो Store Room हैं इसीलिए बंद रहता है। पर यहां आप सभी एक बात ध्यान रखना और वो बात ये है कि बच्चों को अक्सर जिस चीज के लिए मना करो तो उसी काम को वो जरूर करते हैं।
घर में खुशी का माहौल था | अक्सर शादी ब्याह में घर पर कई रिश्तेदार आ जाते हैं तो सोने की व्यवस्था थोड़ी अलग होती है। उन दिनों गर्मी भी बहुत थी तो पहली रात महेश ने जैसे तैसे नीचे गुजार ली। पर उसका मन अब भी वहीं था |
अगर ऊपर का कमरा खुला होता तो अपने दोस्तों के साथ ऊपर सो जाता। दूसरे दिन मामा को घर से बाहर जाना पड़ा तो महेश ने चुपचाप मामी से चाबी ये कहकर ले ली कि मामा ने कहा है कि वहां कुछ सामान है जो निकालना है।
मामी इतनी बिजी थी कि काम के चक्कर में भूल गई और चाबी महेश को दे दी। महेश चाबी लेकर खुश तो बहुत था पर ये नहीं जानता था कि वह क्या करने जा रहा है। आखिर गलती उसकी भी नहीं थी। बच्चे अक्सर ऐसा ही करते हैं।
महेश ने जल्दी से जाकर ऊपर कमरे का दरवाजा खोला। अंदर कुछ भी नहीं था बस एक चारपाई रखी थी और पूरा कमरा बाहर के मुताबिक हल्का ठंडा था जबकि बाहर तेज धूप थी। महेश अपने दोस्तों के साथ पूरा दिन उसी कमरे में रहा।
कई बार तो उसके दोस्तों ने उसे बताया कि खिड़की बार बार अपना बंद क्यों हो जाती है। तो महेश ने कहा कि हवा से हो रहा होगा। धीरे-धीरे रात घिरने लगी और महेश नीचे चला गया। ये चैक करने कि कहीं मामा को तो पता नहीं चल गया, पर मामा तो रिश्तेदारों के पीछे लगे हुए थे |
महेश चुपचाप ऊपर के कमरे में जाकर लेट गया। और तब तक मेरे दोस्तों को भी नींद आ गई थी। पर अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरी चादर खींची हो। मैंने नींद में ही चादर ऊपर खींच ली। मैं जानता था वो मेरे दोस्त मेरे साथ खेल रहे हैं। मैं चुपचाप लेट गया।
यह बोलकर कि परेशान मत करो वरना मामा आ जाएंगे। थोड़ी देर सब शांत रहा कि अचानक मेरी चादर किसी ने फिर से खींची और मेरी पैरों की उंगलियों को जोर से दबा दिया। मैं बोलता रहा कि मत करो प्लीज सोने दो कि तभी एक सफेद परछाई मेरे मुंह के सामने आ गई |
और मैं जोर से चिल्लाया मेरी आँखें बंद थी तो मेरे दोस्तों ने मुझे उठाया और बोलने लगे कि क्या हुआ महेश, क्या हुआ, मेरे पूरे चेहरे पर पसीना था। मैं डर के मारे कुछ बोल नहीं पाया कि तभी अचानक मामा ऊपर आ गए और हम सबको नीचे ले गए और मुझे पानी पिलाकर प्यार से पूछा |
और जब मैंने बताया तो सारे रिश्तेदार डर गए और फिर मामा ने बताया कि उस कमरे में एक किरायेदार रहता था जिसने फांसी लगा ली थी पर वो आदमी बुरा नहीं था बस चुपचाप रहता था इसलिए शायद आज तक उसने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। ये किस्सा हमारे साथ भी हो चुका है।
इसलिए हमने वहां ताला लगाया हुआ है ताकि कभी कुछ गलत ना हो जाए। दोस्तो इसके बाद मामा ने शादी हो जाने के बाद रिश्तेदारों के कहने पर वो कमरा तुड़वा दिया और उसका सारा मलवा समसान में फिकवा दिया। तब से वहां सब ठीक है।