हेलो दोस्तो आप लोगो का स्वागत है आज मै आप लोगो को इस पोस्ट में True Ghost Stories in Hindi |पुरातत्व सर्वेक्षक की कहानी बताने जा रहा हूँ | ये कहानी है एक पुरातत्व सर्वेक्षक की जो बताता है की कैसे एक चुड़ैल का सामना हुआ और उसने उससे बचने के लिये क्या किया |
प्रताप पुरातत्व विभाग में काम करता है और वह अपनी काम को बहुत लगन से करता है | प्रताप की नौकरी पिछले साल ही लगी थी प्रताप ने हमें इस कहानी के द्वारा यह बताया है कि किस तरह एक बार उनको एक भूतिया घटना का सामना करना पड़ा।
तो चलिए दोस्तो उनकी कहानी को मैं आप लोगो को बताता हूं, तो फिर चलिये True Ghost Stories in Hindi | पुरातत्व सर्वेक्षक की कहानी की शुरुआत करते है ।
पुरातत्व सर्वेक्षक की कहानी
मेरी अभी-अभी पुरातत्व विभाग में जॉब लगी थी और मेरी पोस्टिंग मसूरी में थी जहां मेरा काम पुरातत्व सर्वेक्षण का था मुझे मेरे एक दोस्त अजय के साथ रहना और जानकारी संग्रहित करना था |
जहां हमारा काम था रात के 9:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक पुरातत्व के साथ साथ paranormal activity का पता लगाना था |
हमारे टेंट भी वहां लगा दिये गये थे और उस वक्त वहां बहुत ठंड पड़ रही थी | इस ठंड में पूरी रात जागकर काम करना बहुत मुश्किल था तो मैंने और अजय ने मिलकर एक आईडिया लगाया ।
जिसमें हमने फैसला किया कि क्यों ना अपने काम को आधा-आधा बांट लिया जाए इसमें 9:00 से 1:00 बजे तक अजय सर्वेक्षण करता और बाकी का समय 6:00 बजे तक मैं उठकर सर्वेक्षण करता ।
इसमें हम दोनों एक एक करके सो भी लेते और जागकर रखवाली भी कर लेते | हम दोनों को ऐसा काम करने में अच्छा लग रहा था क्यूंकि हम दोनों थोड़ा आराम भी कर लेते थे और हमारा काम भी हो जाता था |
एक दिन अजय सर्वेक्षण के लिये बाहर गया और मैं फिर मैं टेंट के अंदर था ताकि मैं आराम कर सकूं और फिर 1:00 बजे के बाद मैं सर्वेक्षण के लिए आ सकू ।
टेंट के पास बहुत अंधेरा था वहां कोई लाइट का से सोर्स भी नहीं था जहां से लाइट भी आ सके मोबाइल नेटवर्क का तो ठिकाना तक नहीं था | अजय को 2 घंटे हो गए थे सर्वेक्षण करते करते ।
वह सर्वेक्षण कर ही रह था कि उसने देखा टेंट के थोड़े से साइड में एक जगह है जो दीवारों से घिरी हुई थी वहां पर चेक करने के लिए गया उसने देखा कि वह पूरी cemetery थी, cemetery यानी श्मशान घाट ।
फिर उसने देखा कि श्मशान घाट के जस्ट बाहर कुछ हलचल हो रही है फिर अजय वहां चेक करने चला गया
फिर अचानक अजय ने देखा कि सामने से कोई औरत आ रही है जो ऊपर से नीचे तक सफेद दिख रही थी बस उसकी आंखें ही काली दिखाई दे रही थी ।
वह औरत अभी थोड़ी दूर पर थी | अजय ने सोचा वह जैसे उसके तरफ आएगी तो मैं उसे रोककर पूछूंगा कि वह यहां क्या कर रही है | फिर जैसे ही वह औरत अजय के थोड़ी साइड से होकर गुजरने लगी वैसे ही अजय ने उसको आवाज लगाई ।
वह औरत अपना मुंह सीधा करके चल रही थी पर जैसे ही अजय ने आवाज लगाई वैसे ही औरत ने अजय की तरफ मुड़कर देखा और जैसे ही उस औरत ने अजय की तरफ निगाहे घुमाई अजय वहीं पर रुक गया ।
अजय को उस औरत का चेहरा पास आने पर बहुत ज्यादा विकराल दिखने लगा था जो कि दूर से नहीं दिखाई दे रहा था अब वह औरत उसे बस घूरे जा रही थी और अजय उसका चेहरा देखकर डर गया था ।
अजय पूरी कोशिश कर रहा था जोर जोर से चिल्लाने की और आवाज लगाने की पर मानो उसका पूरा मुंह बंद हो गया हो वह अंदर से पूरी कोशिश कर रहा था आवाज लगाने की पर ऐसा करने में असमर्थ था ।
उसका हाथ भी नहीं हिल रहा था मानो सीमेंट से जाम कर दिया हो | पर वह अभी भी उस औरत को देख रहा था और वह औरत उसको देख रही थी | कुछ ही देर बाद औरत ने वापस सीधा देखा और चलना शुरू कर दिया ।
जो श्मशान घाट पूरे दीवार से घिरा हुआ था उसी दीवार के आर पार हो कर वह चली गई | अजय ने पूरी हिम्मत लगाई जोरों से भागते हुए टेंट के अंदर गया और मुझको जगाया ।
मैंने उसकी डरी हुई आंखे देखकर पूछा कि क्या हुआ ? अजय ने मुझे सारी बात बताई और मैं जोर-जोर से हंसने लगा क्योंकि मैं उनकी बातों पर विश्वास नहीं कर रहा था | ऐसी सफेद देखने वाली भुत प्रेत की कहानी मैंने बहुत बार टीवी और कहानियों में सुना और देखा था ।
पर मैंने देखा कि अजय अजय इतना डर चूका था की वह डर से कांपने लगा था | मैंने कहा ठीक है तुम टेंट के अंदर ही रहो और आराम करो, मैं बाहर जाकर सर्वेक्षण करता हूं ।
वैसे मेरा मन तो नहीं था अजय को अकेले छोड़ कर जाने का लेकिन मुझे एक बार वहां जाकर देखना था क्या सच में ऐसा कुछ है | मैं उसी श्मशान घाट के अंदर घुस गया ।
एक घंटा हो गया अभी भी कुछ हुआ नहीं था मैं समझ गया कि अजय का कोई वहम है फिर मैं अभी बाहर जाने ही वाला था तभी देखा कि दीवार से एक औरत निकल के आ रही है बस मुझे इतना ही देखना बाकी था ।
फिर मैं समझ गया था कि यह सब कुछ सच होता है लेकिन इस समय अजय वाली गलती नही दोहराई | मैंने उसे नहीं पुकारा | मैंने उसे देखते ही अपनी आंखें बंद कर ली और उसके चले जाने का इंतजार किया ।
कुछ देर बाद जब मैंने आंखें खोली तो मैंने देखा कि वह औरत वहां पर नहीं थी मैं झट से वहां से बाहर निकल कर भाग गया ।
दोस्तों हमारे पुरातत्व सर्वेक्षक बहुत ज्यादा बहादुर होते हैं पर ऐसी शक्तियों का सामना एक मामूली इंसान नहीं कर सकता है इसी के साथ हमारी कहानी यहीं खत्म होती है ।
अगर आपके पास भी ऐसी कोई भूतिया घटना है तो आप अपनी आपबीती हमें शेयर कर सकते हैं हम वह कहानी आपके अपने Story In Hindi वेबसाइट में आपके नाम से पोस्ट करेंगे |
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